कलेक्टर से कांग्रेसियों को आश्वासन,कहा-दु्बारा कराएंगे सर्वे

BHASKAR MISHRA
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Screenshot_2017-04-13-22-43-18बिलासपुर— सारबहरा-गेवरा रोड निर्माणाधीन रेलवे लाइन में किसानों की शिकायतों को कांग्रेस नेताओं और कलेक्टर अन्बलगन पी.के बीच बातचीत हुई। कांग्रेस नेताओं की कलेक्टर से तीन महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा हुई। मालूम हो कि 27 मार्च को किसान कांग्रेस ने राजेन्द्र शुक्ला और प्रदेश पदाधिकारियों ने किसानों के साथ कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया था। रेल प्रशासन पर शोषण किए जाने का आरोप लगाया था।

             
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                         कलेक्टर से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेताओं ने बताया कि सारबहरा-गेवरा रेल लाइन निर्माण में किसानों के साथ रेल प्रशासन ने दोखा किया है। बहुत लोगों को अभी तक मुआवजा भी नहीं दिया गया। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि भू-स्वामी, हकधारी की तरह वन्यभूमि पट्टाधारी को भी मुआवजा रेल प्रशासन मुआवजा दे। रेल पटरी बिछाने कई जमीनों के बीच हिस्से को अधिगृहित किया गया है। जिससे दोनों तरफ किसानों की जमीन बच रही है। इसका सर्वे कराया जाए। जमीनों पर खेती हो सके ऐसी व्यवस्था की जाए। कांग्रेस नेताओं ने कलेक्टर को बताया कि सर्वे के दौरान जितनी जमीन अधिग्रहित करने की बात राजस्व अधिकारियों ने की थी। उससे कहीं ज्यादा जमीन का अधिग्रहण किया गया है। जिसका सर्वे में उल्लेख नहीं है। किसानों को उम्मीद थी कि अधिगृहित जमीन का मुआवजा मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

                कांंग्रेस नेताओं से चर्चा के बाद जिलाधीश अन्बलगन पी.ने एसडीएम पेण्ड्रा को जरूर निर्देश दिया। कलेक्टर ने एसडीएम को बताया कि किसानों के हितों को ध्यान में रख फैसला लिया जाए। अधिग्रहित जमीनों का दुबारा सर्वे कराए।  रेल प्रशासन को नियमानुसार मुआवजा देने को कहें।

                               कलेक्टर ने कांग्रेस नेताओं को बताया कि कार्यवाही नियम के अनुसार होगी। प्रभावित किसानों को हक दिलाया जाएगा। इस दौरान कांग्र्रेस जिलाध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला, नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरूद्दीन, किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील शुक्ला, प्रदेश किसान कांग्रेस महामंत्री इकबाल सिंह, पेण्ड्रा किसान कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष अमन शर्मा, युवा कांग्रेस महासचिव गौरव दुबे, हीरा यादव, प्रभावित किसान जुगल प्रसाद, बंधन सिंह, देवसिंह, याद सिंह, सुपीत सिंह, मैकुराम, जयराम, सुखदेव, मुकुल राम, दुदासन जो प्रभावित गांव रवनटोला, पतरकोनी, दमदम, गोढ़ा, ललाती, झाबर गांव के किसान उपस्थित थे।

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