बिलासपुर-सद्भभावना दिवस समारोह के सरकारी पत्र से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम हटाए जाने पर कांग्रेसियों ने नाराजगी जाहिर की है। प्रेस नोट जारी कर बताया कि सद्भभावना दिवस समारोह राजीव गांधी के जन्म दिवस पर मनाया जाता है। बावजूद इसके समारोह से नाम को हटाना भाजपा की संकीर्ण मानसिकता को जाहिर करता है।
कांग्रेस कार्यालय से जारी प्रेस नोट में पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव और शैलेन्द्र जायसवाल ने कहा कि भाजपा ने 18 अगस्त को सद्भभावना दिवस के बहाने जहर घोलने का काम किया है। प्रदेश शासन ने सद्भावना दिवस से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम हटा दिया है।
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अटल और शैलेन्द्र ने कहा कि राजीव गांधी भारत रत्न हैं। कार्यक्रम और नाम के साथ मजाक किसी भी स्तर पर बर्दास्त नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके ऐसा हुआ। राज्य शासन ने एक निर्देश भरा पत्र सभी शासकीय कार्यालयों को भेजा । पत्र में राजीव गांधी का नाम हटाकर सद्भावना दिवस का जिक्र किया गया है। पत्र में कहा गया है कि 20 अगस्त को शासकीय अवकाश होने के कारण सद्भावना दिवस 18 अगस्त को मनाया जाए।
दोनों नेताओं ने कहा कि काफी हद तक उचित हो सकता है कि रविवार होने के कारण सद्भावना दिवस 18 अगस्त को मनाया गया । लेकिन सरकारी पत्र में सद्भाभावना दिवस के साथ जुड़े राजीव गांधी का नाम हटाया जाना उचित नहीं है। भारत रत्न के साथ खिलवाड़ बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
कांग्रेस नेताओं ने सवाल किया कि सरकारी पत्र में पंडित दीनदयाल जी का मोनो क्यों लगा है…क्या उनका मोनो लगाया जाना उचित है। जबकि राजीव गांधी देश के पूर्व प्रधानमंत्री होने के साथ भारत रत्न भी हैं। बावजूद इसके उनका नाम हटा दिया गया। कांग्रेस नेताओं ने दोनो ही सूरत में भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया है।
कांग्रेस नेताओं के अनुसार पंडित दीनदयाल जन्मशताब्दी समारोह समाप्त हो चुका है। फिर भी सरकारी पत्र में उनका मोनो लगाया गया है। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंंदिरा गांधी का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को धूल चटाया। दुश्मन देश के दो टुकड़े किये। भारत को बुलंदियों तक पहुंचाया। अच्छा होता कि सरकारी पत्र में इंदिरा गांधी का मोनो लगता। लेकिन भाजपा से इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती है।