बिलासपुर–इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के बाद आग की लपट बिलासपुर में भी देखने को मिली। स्थानीय नेहरू चौक पर जिला कांग्रेस नेताओं ने आज मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया। इसके पहले कांग्रेस भवन से रैली भी निकाली। इस दौरान प्रदेश मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की है।कांग्रेसियों ने प्रदेश के मुखिया से इस्तीफे की भी मांग की है।
इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र और आडियों टेप में बताया गया है कि 2014 में अन्तागढ़ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार मंतु पवार के नाम वापसी को लेकर मुख्यमंत्री के दामाद ने कांग्रेस उम्मीदवार और अन्य लोगों से नाम वापसी के लिए सौदा किया गया है। समाचार प्रकाशित होने के बाद प्रदेश कांग्रेस ने जिला मुख्यालयों में मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पुतला दहन किया है। पुतला दहन कार्यक्रम के दौरान कांग्रेसियों और पुलिस में झूमा झटकी भी हुई। इस दौरान युवा कांग्रेस अध्यक्ष जावेद मेनन को चोट पहुंची है।
नेहरू चैंक पर जिला कांग्रेस कमेटी ने दोपहर को मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया। भारी पुलिस व्यवस्था के बीच कांग्रेसियों नारेबाजी करते हुए अलग-अलग मार्गो पर तीन पुतलो का दहन किया । इस दौरान कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने नारीबाजी करते हुऐ सरकार से इस्तीफे की मांग की है। इस मौके पर पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव जिला अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला, नरेन्द्र बोलर ने कहा कि, इस प्रकार की घटना से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के नेता, मुख्यमंत्री और उनके परिवार ने जनता के विश्वास को छला है। कांग्रेस नेताओं और 10 निर्दलीय उम्मीदवारों को प्रशासन का भय और लालच दिखाकर मैदान छोड़ने के लिए विवश किया गया। आडियो टेप में इस इस बात का खुलासा हो चुका है। पुतला दहन के बाद कांग्रेसियो ने इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री को दोषी मानते हुए तत्काल इस्तीफे की मांग की है।
पूर्व महापौर राजेश पाण्डेय, भूनेश्वर यादव, पूर्व विधायक चन्द्रप्रकाश बाजपेयी, नेताप्रतिपक्ष शेखनजीरूद्दीन, प्रदेश महिला कांग्रेस महामंत्री शहजादी कुरैशी, प्रदेश सचिव, महेश दुबे, रामशरण यादव, पंकज सिंह ने मामले को लोकतंत्र के लिए कलंक बताया है। घटना की जांच एस.आई.टी. से कराने की मांग की है। ताकि आम जनता का लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव पर विश्वास बना रहे।
संभागीय प्रवक्ता अभयनारायण ने बताया अन्तागढ़ उपचुनाव में अचानक कांग्रेस उम्मीदवार मंतुराम पवार ने अपना नाम एक दिन पहले वापस ले लिया था। दस निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी मैदान छोड़ दिया था। सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए , जमकर पैसा लुटाया गया। दरअसल यह निर्विरोध जीतने के लिए रची गय़ी साजिश थी। राय ने बताया कि तात्कालन समय प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने निर्वाचन आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त भारत सरकार को ज्ञापन देकर बताया था कि प्रत्याशियों की खरीद-फरोख्त की गयी है इसलिए चुनाव रद्द किया जाए। आडियो और समाचार पत्र में मुख्यमंत्री के दामाद का नाम सामने आने से कांग्रेस के सभी आरोप सिद्ध हो गए हैं।
पुतला दहन आंदोलन में शेखनजीरूद्दीन, जावेद मेनन, सुरेन्द्र तिवारी गुड्डा, सुभाष ठाकुर, ऋषि पाण्डेय, प्रमोद नायक, धरमेश शर्मा, राकेश सिंह, मनोज शर्मा, नवीन दुबे, हरमेंदर शुक्ला, एस.डी. कार्टर, कांशी रात्रे, बजरंग बंजारे, रमेश गुप्ता, सावित्री सोनी, मोहम्मद हाफीज कुरैशी, शिवबालक कौशिक, अर्जुन सिंह, रामा बघेल, पिनाल उपेजा, अनिल सिंह चैहान, अनिल यादव, शिवा निर्मलकर, राजेश सिंह, तिकम सिंह, अनिल शुक्ला, लवकुश साहू, संतोष साहू,विक्की आहूजा, राहूल राय, अमित यादव, मनमोहन रजक, निर्मल मानिकपुरी, आशीष मोनू अवस्थी, राकेश शर्मा, जसबीर गुम्बर, कुंदन राव कामले, राजेश माखिजा, अरविंद शुक्ला, रावेद बिंदास, सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।