रायपुर—रायपुर स्थित कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की आपात बैठक प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल की अध्यक्षता और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव की उपस्थिति में हुई। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता भी मौजूद थे।
Join Whatsapp Group | Click Here |
आपात बैठक में पीसीसी अध्यक्ष भूपेश ने बताया कि प्रदेश के मुखिया ने रायगढ में भाजपा कार्यकारिणी बैठक में शर्मनाक बयान दिया है। मंत्रियों, निकाय अध्यक्षों और पदाधिकारियों को कमीशनखोरी बंद करने को कहा है। इससे साबित होता है कि भाजपा नेता कमीशनखोरी करते हैं। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री को भी है।
भूपेश ने बताया कि सीएम के बयान से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। 25 अप्रैल को राज्यपाल से मिलकर राष्ट्रपति को पत्र दिया जाएघा। भाजपा सरकार को भंग कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जाएगी। प्रदेश में कमीशनखोरों के खिलाफ आंदोलन चलाया जायेगा। प्रदेश में गली गांव, ब्लाक,जिला और प्रदेश स्तर पर जगह जगह नुक्कड़ सभा का आयोजन किया जाएगा। भाजपा नेताओं का पुतला भी जलाया जाएगा। आंदोलन की अगुवाई वरिष्ठ नेता करेंगे।
कांग्रेस विधायक दल के नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि कमीशनखोरी की स्वीकारोक्ति के बाद सरकार को एक दिन भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। एक साल के लिये कमीशन बंद करने की बात कहकर सीएम ने स्वीकार किया है कि कमीशनखोरी उनकी जानकारी में है।
पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कमीशनखोरी का बोलबाला है। बयान के बाद प्रदेश शर्मशार हुआ है। धनेन्द्र साहू ने कहा कि कांग्रेस को विधानसभा से लेकर ग्राम पंचायत तक कमीशनखोरों को बेनकाब करना है। पूर्व मंत्री मो. अकबर ने कहा कि लोकसुराज अभियान को छत्तीसगढ़ की जनता ने नकार दिया है। लोकसभा सांसद ताम्रध्वज साहू ने भ्रष्ट सरकार के बारे में जानकारी दी।
बैठक को पूर्व मंत्री अमितेष शुक्ल,पूर्व सांसद पी आर खूंटेए महामंत्री रमेश वर्ल्र्यानी अटल श्रीवास्तव, शैलेश नितिन त्रिवेदी, विकास उपाध्याय, चंद्रशेखर शुक्ला समेत अन्य वक्ताओं ने भी सुझाव दिये।
इस दौरान संगठन चुनाव 25 अक्टूबर तक संपन्न कराए जाने की विस्तार से चर्चा हुई। 15 मई तक अनिवार्य रूप से सदस्यता फार्म प्रदेश कार्यालय में जमा करने को कहा गया। सभी को अधिक से अधिक सदस्य बनाकर सदस्यता अभियान को निर्धारित समय पर पूरा करने को कहा गया। बैठक में आनन.फानन में घोषित महुआ नीति के बारे में चर्चा हुई। कांग्रेस नेताओं नेक हा कि सरकार ने बिना सोच समझे महुआ नीति बनाया था। यद्यपि बाद में कांग्रेस के दबाव में सरकार ने वापस ले लिया। लेकिन इस दौरान ग्रामीण अंचल और वनांचल के लोगो को नुकसान उठाना पड़ा है।