कांग्रेस की मांग..शहर से बाहर भी अरपा तट पर चले वृहत पौधरोपण अभियान…शहरी नालों की हो सफाई

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर–जिला कांग्रेस कमेटी ने अरपा नदी तट पर वृहत पौधारोपण अभियान चलाने की मांग की है। रोपे गए पौधों को संरक्षण की भी बात कही है। इसके अलावा अरपा से जुड़े सभी नदी नालों की विशेष सफाई अभियान चलाने को कहा है।

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               जिला कांग्रेस कमेटी ने जिला प्रशासन से अरपा तट पर विशेष रूप से व्यापक स्तर पर पौधरोपण अभियान चलाने की मांग की है। पौधरोपण नहीं चलाए जाने को लेकर चिंता भी जाहिर की है। कांग्रेसियों ने कहा कि अरपा से जुड़ने वाले शहर के छोटे नालों में विशेष सफाई अभियान चलाने को भी कहा है। मालूम हो कि जिला कांग्रेस कमेटी ने 9 जून से 13 जून के बीच जनता में अरपा बचाओं पदयात्रा कर जनजागरण अभियान किया था। इस दौरान कांग्रेसियों ने अरपा की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए जमीन और अन्य प्रमुख मुद्दों को प्रमुखता से उठाया था। अरपा बचाओ पद यात्रा के बाद जिला  और निगम प्रशासन ने अरपा संरक्षण के लिए योजना बनाने की बात कही थी।

                                   कांग्रेसियों ने बताया कि एक समय अरपा में 12 माह जल भराव रहा करता था। तटीय क्षेत्र में बड़े बड़े पेड़ हुआ करते थे। कहुवा, पीपल, बरगद, इमली, आम, नीम, आदि पुराने पेड़ों का जंंगल हुआ करता था। लेकिन वृक्षों की अंधाधुंध कटाई के कारण अरपा की स्थिति बद से बदतर हो गयी। लोगों ने जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया। शहर का गंदा पानी अरपा के पानी को पहले जहरीला बनाया। बाद में अरपा की क्या स्थिति हुई आज सबके सामने है।

               जिला प्रशासन से विजय केशरवानी ने मांग की है कि पौधरोपण अभियान शहर के गांव में भी चलायी जाए। ग्रामीण तटीय अरपा क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जाएं। नदी का संरक्षण एक दिन में नहीं किया जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि पौरोपण अभियान निरंतर चलाया जाए। साथ ही पौधों का संसक्षण भी किया जाए। इसके अलावा लाखों लोगों की जीवनदायिनी अरपा से जुड़ने वाले सभी छोटी नदियों  और नालों में सफाई अभियान चलाया जाए।

             जिला कांग्रेस महामंत्री और प्रवक्ता अनिल सिंह चौहान ने जानकारी दी है कि अरपा के किनारे वृक्षों के अभाव के कारण मिट्टी का कटाव हो रहा है। जिसके चलते नदी की आकार और संरचना परिवर्तित हो गयी है। वृहत पौधारोपण कार्यक्रम, पौधों की समुचित सुरक्षा, जल भराव के लिए समुचित प्रयास से अरपा के संरक्षण में नींव का पत्थर साबित होगा।

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