कांग्रेस की रणनीति में उलझी निगम सरकार

BHASKAR MISHRA
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IMG-20160226-WA0007 बिलासपुर–नगर निगम सामान्य सभा की बैठक आज हमेशा की तरह ना होकर कुछ अलग रहा। सभा के दौरान कांग्रेस हर जगह निगम सरकार पर भारी पड़ती नजर आयी। जैसा की उम्मीद जाहिर की जा रही थी कि आज भी बैठक हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। नेता प्रतिपक्ष ने एमआईसी से पास निगम के एजेन्डा को सदन के शुरू करते ही समर्थन देते हुए नगर के विकास को लेकर चर्चा की मांग की। जैसा की निगम सरकार का हमेशा से कहना था कि पहले एजेन्डा फिर कांग्रेस और निगम के अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। शेख नजरूद्दीन ने अपने पार्षदों समेत निगंम के सभी 21 बिन्दुओं का समर्थन किया। इसके साथ भाजपा कांग्रेस के रणनीति की शिकार हो गयी। करीब तीन घंटे से अधिक चले बहस में कांग्रेस पार्षदों ने निगम आयुक्त पर जमकर निशाना साधा। साथ ही लचर कार्यप्रणाली को लेकर आयुक्त को हटाने की मांग भी की।

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                                    आज नगर निगम सामान्य सभा बैठक में कांग्रेस ने सुनियोजित तरीके से निगम सरकार को अपनी रणनीति में फंसा लिया। सदन की कार्रवाही के पूर्व नेता प्रतिपक्ष,सभापति और महापौर ने एल्डरमैन मनीष शर्मा के पैरालिसिस अटैक के बाद पहली बार सदन में पहुंचने का स्वागत किया। सभी दलों के पार्षदों ने उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए कामना की।IMG_20160226_114033

                 हमेशा की तरह एजेन्डा पर चर्चा के बाद अन्य मुद्दों पर बहस की बात करने वाली भाजपा निगम सरकार आज अपने ही जाल में उलझती आयी। नेता प्रतिपक्ष ने सदन शुरू होते ही सभी बिन्दुओं को एक मत से समर्थन देते हुए। अन्य मुद्दों पर चर्चा की बात कही। सभी पार्षदों ने इस दौरान निगम प्रशासन के कार्यप्रणाली और विकास कार्यों में लेटलतीफी के लिए निगम सरकार को जमकर आडे हाथ लिया। इस दौरान बीच बीच में गहमा गहमी का माहौल भी देखने को मिला।

                     कांग्रेस पार्षद ने कहा कि बिलासपुर नगर पालिक निगम को आईएसओ प्रमाण पत्र हासिल है लेकिन निगम मुखिया आयुक्त को लोकसेवा कार्यों की कोई दिलचस्पी नहीं है। तैयब हुसैन ने बताया कि अम्बेडकर नगर निवासी चोइथ राम को भवन एवं नक्शा स्वीकृत के लिए पचास दिन तक घुमाया गया। आयुक्त को सिर्फ हस्ताक्षर मात्र करना था। नियमानुसार नक्शा को अधिकतम एक महीने के भीतर पास करना जरूरी होता है। भवन अधिकारी ने नक्शे को पास कर हस्ताक्षर के लिए आयुक्त के पास भेजा था। लेकिन आज तक हस्ताक्षर नहीं हुआ।

                               तैयब ने कहा कि निगम में सूचना के अधिकार कानून का जमकर माखौल उड़ाया जा रहा है। जन सामान्य तो दूर पार्षदों को भी चार पांच महीने से सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए प्रश्नों की आज तक जानकारी नहीं दी गयी है। निराश्रित पेंशन प्रकरणों में भारी लेटलतीफी की जा रही है। गरीब और जरूतत मंद कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। लेकिन अधिकारी किसी की नहीं सुन रहे। बहस के दौरान तैयब ने कहा कि राशन कार्ड की सूची से खिलवाड किया गया है। हितग्राहियों के कार्ड से कई नाम गायब हैं। परेशान लोग खाद्य विभाग का चक्कर काट रहे हैं। इससे लगता है कि आयुक्त का अपने अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है।

               हो हंगामे के बीच तैयब ने आय व्यय पत्रक,संपत्तिकर बढ़ोत्तरी,स्वास्थ्य विभाग की विसंगतियों,पेयजल आपूर्ति की खामियों, बदहाल प्रकाश व्यवस्था,गौरव पथ की दुर्दशा,ट्रांसपोर्टनगर की हालत और नियम विरूद्ध एवं मनमानी पूर्वक कराए गए कार्यों में गुणवत्ताहीनता पर निगम सरकार और आयुक्त को घेरा। इस दौरान उन्होंने सभापति के अनुमति से निगम की लारवाही का लिखित पुलिंदा सदस्यों के बीच बंटवाया।

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                  सामान्य सभा के दौरान भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस के तर्क पर जमकर प्रतिरोध का प्रयास किया लेकिन विपक्ष पूरे समय तक भारी नजर आय़ा। बारी बारी से सभी पार्षदों ने अपने वार्डों की समस्यों को सभापति के सामने रखा। बहस के दौरान एल्डरमैन मनीष अग्रवाल,महेश चंद्रिकापुरे,प्रवीर सेने भी उपस्थित थे। सभी एल्डरमैन और भाजपा पार्षदों ने आयुक्त का बचाव किया। लेकिन कांग्रेसियों के रणनीति के सामने उनकी एक नहीं चली।

                  बहस के दौरान महापौर की चाय चर्चा में बनी रही। सभी पार्षदों ने खासकर कांग्रेसियों ने अपने वार्डों की परेशानियों और जरूरतों को सामने रखा।इस बीच उमेश,राजेश जायसवाल,अन्य भाजपा पार्षद अपनी सरकार का बचाव करते रहे। लेकिन कांग्रेस एक एक कर खामियों की गिनती करवाते रहे।

                  बहस के दौरान चन्द्रप्रदीप वाजपेयी.तजम्मुल हक,शैलेन्द्र जायसवाल,शहजादी कुरैशी समेत सभी कांग्रेस पार्षदों ने अपनी बातों को सभापति तक पहुंचाया।

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