कांग्रेस की विकास खोज यात्रा,बिजली-पानी को तरस रहे बस्तर वासी

Shri Mi
4 Min Read

रायपुर।छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल के आदेशानुसार विकास खोजो यात्रा किरंदुल बचेली से होती हुई जेबेल गाँव पहुंची विकास खोजो यात्रा के दौरान रमन सरकार के 15 सालों में किये गए कुशासन की परत-दर-परत सामने आने लगी।मीडिया प्रभारी विकास तिवारी (विकास खोजो यात्रा) ने बताया कि बचेली नगर पालिका को जबरिया ओडीएफ मुक्त घोषित कर दिया गया था जबकि आज वहां पर कि स्थानीय आदिवासी शौचालय निर्माण के भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे हैं बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए भुगतान नहीं किया गया है। बस्तर के जेबेल गांव के निवासियों ने बताया कि उन्हें पीने का साफ पानी सरकार मुहैया नहीं करा पा रही है जिसके कारण उनको झरिया का लाल और मटमैला प्रदूषित पानी पीना पड़ता है जिसके कारण उनके दांत सड़ रहे हैं इनमें छोटे बच्चों से लेकर युवा और वृद्ध भी शामिल हैं।कुछ युवकों ने कहा कि खराब दांत होने के कारण उनके विवाह में समस्या आ रहा है वधू पक्ष वाली है कह कर मुकर जाते हैं कि बड़ेगांव ग्राम जेबेल में अपनी बेटी को ब्याह कर भेजने से अच्छा उन्हें मायके में ही रख लेंगे क्योंकि यहां पर पीने का साफ पानी नहीं है आगे चलकर उनकी भी बेटियों के दांत इसी प्रकार खराब हो जाएंगे।

Join Our WhatsApp Group Join Now

जेबेल गांव  और आसपास के वृद्ध जनों ने बताया कि कई महीनों से उनको वृद्धा पेंशन सरकार नहीं दे रही है जिसके कारण वह दर दर भटकने को मजबूर हैं,सरकार द्वारा चावल नही दिया जा रहा है। बस्तर में आउटसोर्सिंग के माध्यम से बाहरी लोगों को नौकरी दी जा रही है और बस्तर के आदिवासी युवा बेरोजगार है। पिछले कुछ सालो से बस्तर संभाग में शराब बिक्री बेलगाम तरीके से बढ़ी है,खासकर युवा वर्ग नशे के जाल में फसते जा रहे है।

विकास तिवारी ने बताया कि बस्तर के केसरपाल में पिछले 40-50 दिनों से बिजली गुल है,खराब पड़े ट्रांसफार्मर को देखने बिजली विभाग के अधिकारी आते नही है,स्कूली बच्चो को पढ़ाई लिखाई में समस्या हो रही है,स्कूल में मिले गृह कार्यो के बच्चे लालटेन के सहारे पूरा कर रहे है।नेशनल हाइवे जबलपुर से रायपुर में बोरपदर से जेबेल तक कि 70 से 80 किलोमीटर की सीसी रोड वाली सड़क उखड़ गयी अब उसमे गिट्टी और मुरुम डाला जा रहा है लोक निर्माण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण रोड निर्माण कार्य मे घटिया स्तर की सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है,मोटा कमीशन वसूलने के कारण स्तरहीन रोड जल्द उखड़ कर खराब हो जाता है।बस्तर के आदिवासीयो को रमन सरकार द्वारा जर्सी गाय,चरण पादुका, जमीन का पटटा देने का वादा किया था वो आज तक पूरा नही किया गया है।

पूरे प्रदेश में लगभग 90000 एकड़ जमीन उद्योग लगाने हेतु सरकार ने अपने उद्योगपति मित्रो को दे रखी है,पर उद्योगों स्थापित नही हुवे है,नियमानुसार उद्योग नही लगने की दशा में जमीन को 5 साल बाद भूस्वामी को वापस करने का नियम है इसकी अनदेखी कर रही है रमन सरकार  इनमें से ज्यादा जमीन बस्तर के आदिवासियों की है अब न उनके पास जमीन है और न रोजगार कुल मिला कर रमन सरकार के विकास की चिड़िया बस्तर संभाग में तो मिली नही और सब का साथ सब का विकास भी एक ढकोसला मात्र साबित हो रहा है। अपने जंगल अपनी जमीन अपने पानी के लिये आदिवासी तरस रहे है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close