..कांग्रेस नेताओं ने कहा…दबाव में कमिश्नर ने दिया बयान…जनता हुई गुमराह..अब बताएंगे प्रोजेक्ट की हकीकत

BHASKAR MISHRA
बिलासपुर—कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल निगम कमिश्नर सौमिल रंजन से अरपा प्रोजेक्ट डीपीआर की मांग की है। लेकिन निगम कमिश्नर ने बताया कि मामला अभी प्रक्रियाधीन है। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने आक्रोश जाहिर किया कि जब मामला प्रक्रियाधीन है तो इस प्रकार का बयान क्यों जारी किया गया कि अरपा प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गयी है। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि जनता के आक्रोश को दबाने के लिए प्रशासन ने मंत्री और सरकार के दबाव में गलतबयान वाजी की है।
                    कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल आज शाम चार से पांच बजे के बीच विकास भवन पहुंचकर निगम कमिश्नर से अरपा प्रोजेक्ट को लेकर पर्यावरण स्वीकृत पत्र की मांग की। कमिश्नर ने कांग्रेसियों को बताया कि मामला अभी प्रक्रियाधीन है। इसलिए स्वीकृत पत्र दिखाना संभव नहीं है। इतना सुनते ही कांग्रेसी नाराज हो गए।
             कमिश्नर से मुलाकात के बाद कांग्रेस  प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने बताया कि अरपा बचाओ पदयात्रा के दौरान निगम कमिश्नर ने 12 जून को बयान दिया था कि अरपा प्रोजेक्ट को पर्यावरण विभाग से स्वीकृति मिल गयी है। जल्द ही प्रोजेक्ट पर बैराज समेत  8 करोड़ की लागत से काम किया जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कमिश्नर के बायन के बाद खुशी हुई कि चलो अरपा प्रोजेक्ट के नाम पर एक दशक से बंधक बनाए गए लोगों को राहत मिलेगी।  लेकि आज सारी पोल खुल गयी।
                             कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आज मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर से लिखित में अरपा प्रोजेक्ट के डीपीआर  और पर्यावरणीय स्वीकृति पत्र की मांग की। लेकिन आयुक्त ने टाट मटोल कर स्वीकृत पत्र और डीपीआर दिखाने से ना केवल मना किया। बल्कि बताया कि डीपीआर और पर्यावरण विभाग से अनुमति की प्रक्रिया अभी चल रही है। इसलिए इस बारे में अभी कुछ बताना जल्दबाजी होगी।
        पत्रकारों से कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कमिश्नर ने मंत्री और महापौर के इशारे पर जनता में भ्रम पैदा करने वाला बयान दिया है। सच्चाई यह है कि ना तो डीपीआर ही तैयार हुआ है और ना ही अरपा प्रोजेक्ट का काम हाल फिलहाल शुरू ही होने वाला है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार 2008 से अब तक अरपा प्रोजेक्ट में 4 करोड़ रुपये स्वाहा हो चुके हैं।
                     अन्य मदों की राशि यदि मिला दी जाए तो अरपा विकास के नाम पर 13 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। जबकि सभी लोग देख रहे हैं कि अरपा के विकास के नाम पर अभी तक एक ईंट भी नही रखी गयी है। उल्टे प्रोजेक्ट की सीमा में आने वाली जमीन बंधक बना लिया गया है। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि कमिश्नर को पद की गरिमा के अनुरूप बयान देना चाहिए। यह जानाते हुए भी अरपा प्रोजेक्ट को लेकर जनता में तरह तरह के भय है।कांग्रेस नेताओं के अनुसार अब अरपा बचाओ अभियान को और तेज किया जाएगा। निगम सरकार का भी अरपा विकास को लेकर दिए गए बयान को जनता के सामने पेश किया जाएगा।
                कमिश्नर से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव के अलावा शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर,नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरुद्दीन, प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय,प्रदेश सचिव रामशरण यादव,शहर प्रवक्ता ऋषि पांडेय,ब्लाक अध्यक्ष तैय्यब हुसैन,पार्षद निर्मल मानिकपुरी मौजूद थे।
संघर्ष होगा तेज..अब खुलेगी पोल
                        प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने बताया कि कमिश्नर का बयान जनता को गुमराह करने वाला है। सच्चाई तो यह है कि 12 जून को कमिश्नर का बयान गलत है। ना तो डीपीआर तैयार हुआ है और ना ही प्रोजेक्ट के लिए अभी तक पर्यावरण विभाग से अनुमति ही मिली है। बावजूद इसके यह कहना कि प्रोजेक्ट का काम 8 करोड़ रूपए से शुरू होगा। पर्यावरण से भी अनुमति मिल गयी। आज सारा मामला सामने आ गया है। कमिश्नर ने कहा है कि मामला प्रक्रियाधीन है। यह सुनकर लोगों को झटका लगा है। अटल ने बताया कि आंदोलन को दबाने के लिए कमिश्नर ने सरकार के दबाव में गलत बयान दिया है। लेकिन बताना चाहता हूं कि अरपा बचाओ पदयात्रा के दौरान उठाये गए मुद्दों को कांग्रेस पुरजोर तरीके से जनता के सामने रखेगी। इसके अलावा अभियान को तेज भी किया जाएगा।
शासन से 8 करोड़ की स्वीकृति
                 निगम कमिश्नर सौमिल रंजन ने बताया कि सब कुछ साफ और स्प्ष्ट है। शासन की तरफ से निगम को अरपा प्रोजेक्ट के लिए 8 करोड़ की स्वीकृति मिली है। निर्देश के अनुसार जल्द ही काम भी शुरू होगा। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को जानकारी दी गयी है। य़ह भी स्पष्ट किया गया है कि क्या कुछ प्रक्रियाधीन है।
close