कांग्रेस नेता ने कहाः कुलपति चला रही शाखा..वेतन सरकार से और हुकुम RSS ..तानाशाही के खिलाफ करेंगे संघर्ष

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर….छात्र संघ चुनाव को लेकर गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्ववविद्यालय में इन दिनों अराजकता का माहौल है। नियमित छात्रों केा बाहरी छात्र आकर  मार-पीट और गुण्डागर्दी कर रहे है। चाहे एनसीआर का विरोध करने वाले छात्र हो या छात्र संघ चुनाव लडने वाले छात्र नेता हो उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। इन सब घटनाओं पर केन्द्रीय विष्वविद्यालय के कुलपति अंजली गुप्ता आंख मुंदकर बैठी है। प्रतिदिन की घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय ने प्रतिक्रिया जाहिर की है।
 
            अभय नारायण राय ने बताया कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय को स्थापित करने में बिलासपुर के छात्र नेताओं और नागरिकों ने लंबा संघर्ष किया है। वर्तमान कुलपति के कार्यभार ग्रहण करने के बाद विश्वविद्यालय शिक्षा स्तर लगातार गिरा है। एक भी नया कोर्स या ऐकेडमिक में वृद्धि करने वाला कार्य नही हुआ है।वेतन केन्द्रीय विश्ववविद्यालय बिलासपुर से लेती है और नौकरी आरएसएस मुख्यालय नागपुर की करती हैं। आरएसएस से संबंधित संगठनों की गोष्ठीयां कुलपति के मार्गदर्शन में करायी जाती है। कश्मीर बचाओं फोरम मंच, एनआरसी और सीएए के समर्थक संगठनों की गोष्ठीयां लगातार हो रही है। हाल ही में छत्तीसगढ  के भाजपा नेता ओ.पी.चौधरी एनआरसी के समर्थन मेें छात्रों के बीच सभा किया है। गेस्ट हाउस और सभागारों का उपयोंग एक पार्टी विषेश के नेताओं के लिए ही किया जा रहा हैं। विश्वविद्यालय के अंदर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को खुली छूट दी गयी है।
 
             अभय ने कहा कि आज एनआरसी के विरोध में छात्र अपना प्रदर्शन कर रहे थे तो उन्हें बाहरी छात्रों ने मारापीटा है। लेकिन पीड़ित छात्रों से बात करने को कुलपति तैयार नही है। विश्ववविद्यालय की चिन्ता करते हुये अभय ने कहा कि ऐसी घटनाओं को देखकर लगता है कि कुलपति महोदया को विश्वविद्यालय के ऐकेडमिक स्तर की चिन्ता नही है। उन्हें शाखा चलाने की चिन्ता है। अभय नारायण ने अब विश्ववविद्यालय की कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप करने का समय आ गया है। जिस तरह का महौल विश्वविद्यालय में है आने वाले सत्र में देष भर से हो रहे एडमिशन में कमी आयेगी।  विश्वविद्यालय का स्तर गिरता चला जायेगा। वर्तमान कुलपति को यहा से हटाने और विश्ववविद्यालय के स्तर  को बचाने के लिए संघर्ष ही एक मात्र रास्ता है।
 
 
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