कांग्रेस नेता ने कहा..लाकडाउन से पहले जरूरी था विचार विमर्श..मुनाफाखोरो ने मचायी लूट..अब मंत्री से करेंगे शिकायत

BHASKAR MISHRA
3 Min Read
बिलासपुर—–कोविड संक्रमण  और लाॅक डाउन जैसी विकराल आपदा के बीच जिला प्रशासन की भूमिका के प्रति जिला कांग्रेस कमेटी महामंत्री और प्रवक्ता अनिल सिंह चौहान ने नाराजगी जाहिर की है। अनिल चौहान ने बताया किपिछले दो दिनों में बाजार में भारी भीड़, अफरा तफरी, कालाबाजारी, जमाखोरी के साथ भयंकर संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। 
 
                              कांग्रेसियों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज कांड समेत जिले में काला बाजारी, जमाखोरी, लबिक अन्य मुद्दांे पर जिला प्रशासन पर कांग्रेस नेता अनिल चौहान ने संवेदनहीनता का आरोप लगाया है। अनिल सिंह चौहान ने बताया कि लगभग तीन वर्षों से जमे राजस्व के आलाधिकारियों ने लोकप्रिय भूपेश सरकार की नीतियों का जिले में ठीक से क्रियान्वयन नही किया है।  भयानक विपदा कोविड 19 के आने के बाद अभी तक जिला प्रशासन ने जमाखोरी और बेलगाम कीमतों को लेकर कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की गयी है। शासकीय और निजी अस्पतालों को निरंकुश छोड़ दिया गया है। मानिटरिंग नही होने से निजी प्रैक्टिशनरों के हौसले बुलंद हो गए हैं।
 
           अनिल चौहान ने बताया किजिला प्रशासन में भाजपा शासनकाल से जमे  कमीशनखोर अधिकारियों को यथाशीघ्र बदला जाना जरूरी है। मामले मे संगठन और सरकार के मुखिया को पत्र लिखकर और अन्य माध्यमों से मांग की जायेगी। 
 
               कांग्रेस नेता चौहान ने बताया कि जिले में शनिवार शाम को लाॅक डाउन का आदेश जिन शर्ताें के साथ दिया गया..वह पूरी तरह से गलत है। लाकडाउन के आदेश को दो दिन पहले जारी किया जाना था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जबकि सर्वोच्च न्यायालय की  गाइडलाईन है कि लाॅक डाउन की घोषणा समय रहते की जानी चाहिए। जबकि ऐसा नहीं किया गया।  इतना ही नहीं समुचित व्यवस्था नहीं होने से कालाबाजारी और जमाखोरी को बढ़ावा  मिला है। जरूरी खाद्य सामाग्री जैसे खाने के तेल, आलू, अंडे, सब्जियां, राशन, मसाला सहित सभी  चीजों को व्यापारियों ने मुनमानी कीमतों में बेजा है। जिसके चलते आम आदमी और छोटे व्यापारियों की भयंकर आक्रोश  है । साथ ही परेशानियां भी बड़ गयी है। 
 
              जिला कांग्रेस प्रवक्ता और  अधिवक्ता अनिल सिंह चौहान ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि लाकडाउन औचक लागू किया गया है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था। जिला प्रशासन ने लाकडाउन लागू होने से पहले नेताओं और अन्य गणामान्य लोगों से मंत्रणा नहीं किया। इस बात की शिकायत संगठन के आला नेताओं और मंत्री से करेंगेे। जरूरी हुआ तो सर्वराजनैतिक दलों के नेताओं के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेंगे।
close