बिलासपुर—निगम और जिला प्रशासन की अतिक्रमण कार्रवाई के खिलाफ झुग्गीवासियों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। कांग्रेस नेता पिनाल उपवेजा ने झुग्गीवासियों के साथ रैली निकालकर प्रशासन पर गरीबों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता उपवेजा ने पत्रकारों को बताया कि जिला प्रशासन को रसूखदारों का बेजाकब्जा नहीं दिखाई देता है। अतिक्रमण हटाने के नाम पर बुलडोजर का मुह गरीबों की झोपड़ी की तरफ कर दिया जाता है। आखिर गरीब परिवारों के ही साथ ऐसा क्यों होता है।
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डबरीपारा, अशोकनगर, मुरूम खदान, चिगराजपारा, लिंगियाडीह और चांटीडीह के सैकड़ों झुग्गीवासियों ने कांग्रेस नेता पिनाल उपवेजा की अग्रवाई में कलेक्टर कार्यालय का घेरवा किया। इसके पहले सभी झुग्गीवासियों ने रैली निकालकर जिला और निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पिनाल उपवेजा और झुग्गीवासियों ने जिला प्रशासन को लिखित शिकायत में कहा कि अतिक्रमण के नाम पर हमेशा गरीब परिवारों को ही निशाने पर क्यों लिया जाता है। यह जानते हुए भी उनके साथ दो जून की रोटी के लिए हमेशा जद्दोजहद करनी पड़ती है। बावजूद इसके संवेदनहीन प्रशासन बसे बसाये घर को बुलडोजर चलाकर गिरा देता है।
पिनाल उपवेजा ने कहा कि जिला प्रशासन संवेदनहीन है। यह जानते हुए भी इन क्षेत्रों की सरकारी जमीनों पर पूंजीपतियों ने कब्जाकर महल बनवा लिया है..लेकिन उनकी तरफ किसी की नजर नहीं होती है।
पिनाल ने बताया कि डबरीपारा, अशोकनगर, मुरूम खदान, चिंगराज पारा,लिंगियाडी.चांटीडीह के लोग दशकों से क्षेत्र में पट्टे की जमीन पर घर बनाकर निवास कर रहे हैं। उनके साथ निगम प्रशासन सालों से अमानवीय व्यवहार कर रहा है। जबकि निगम प्रशासन इन बस्तियों से सालों से टैक्स भी ले रहा है। पिनाल ने बताया कि हम लोगोंं ने जिला प्रशासन के सामने चार बिन्दुओं पर विचार करने को कहा है। इनमें पट्टे का नवीनी और नियमितिकरण प्रमुख है। इसके अलावा वर्षों से जमीन पर काबिज गरीब परिवार को नया पट्टा दिए जाने की मांग की है।
पिनाल ने पत्रकारों को बताया कि झुग्गीवासियों की मांग है कि जिला प्रशासन बेघर किए गए लोगों को दस लाख रूपए मुआवजा राशि दे। साथ ही बेघर किए गए लोगों को उसी स्थान पर घर बनाकर दिया जाए जहां से उन्हें विस्थापित किया गया है। पिनाल ने बताया कि प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि जब तक अतिक्रमण की तोड़फोड़ कार्रवाई पर अंकुश लगाया जाए। यदि माग पर जिला प्रशासन विचार नहीं करता है तो गांधीजी के रास्ते पर चलते हुए क्रमिक भूख हड़ताल और आमरण अनशन किया जाएगा।