कांग्रेस ने किया निगम फरमान का विरोध

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

IMG20160823123257बिलासपुर–जिला कांग्रेस कमेटी ने मंगलवार को डबरीपारावासियों के साथ कांग्रेस भवन में बैठक कर निगम कार्रवाई का विरोध किया है। कांग्रेसियों ने कहा कि डबरीपारा वासियों के आशियाने को उजड़ने नहीं दिया जाएगा। कांग्रेस पार्टी उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी।

             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे

                    मंगलवार को कांग्रेस भवन में कांग्रेस कमेटी और डबरीपारा वासियों के साथ अतिक्रमण हटाओं अभियान के खिलाफ बैठक हुई। बैठक में पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव, जिला ग्रामीण अध्यक्ष राजेन्द्र श्रीवास्तव, शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर,पूर्व महापौर राजेश पांडेय,नगर निगम नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरूद्दीन,पार्षद शैलेन्द्र जायसवाल, अखिलेश चंद्रप्रदीप बाजपेयी, भुवनेश्वर यादव, देवेन्द्र सिंह, ऋषि पांडेय, सुभाष ठाकुर उपस्थित थे।

                         बैठक में डबरीपारा के लोग भारी संख्यामें उपस्थित थे। लोगों को संबोधित करते हुए अटल श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व सरकार ने शासकीय भूमि का स्थायी पट्टा दिया है। स्थायी पट्टा होने के कारण लोगों ने डबरीपारा में 20- 25 सालों में गाढ़ी कमाई से सपनों का घर बनाया है। सारी जमा पूंजी सपनों को साकार करने में लगाया है। निगम प्रशासन तुगलकी फरमान जारी कर बसी बसायी बस्ती को उजाड़ने का एलान किया है। फरमान को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। सरकार झुग्गी-झोपड़ी उन्नयन योजना के बहाने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।

                        बैठक को राजेन्द्र शुक्ला और नरेन्द्र बोलर ने भी संबोधित किया। निगम कांग्रेस पार्षद प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि निगम में बहुमत दल भाजपा ने विरोध के बाद भी प्रस्ताव पारित कर डबरीपारा को उजाड़ने का फैसला लिया है। शैलेन्द्र ने बताया कि डबरीपारा में करीब 85 एकड़ जमीन है। निगम ने सात करोड़ का प्रस्ताव बनाया है। जबकि जमीन की 400 करोड़ से अधिक है। स्थायी पट्टे पर बने किसी भी पक्के मकान को तोडऩे का प्रावधान नही है।

                                 कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि उन्नयन के नाम पर झुग्गी झोपड़ियों को तोड़ा जा सकता है। इससे गरीबों को नया और बेहतर आशियाना मिलेगा। लेकिन पक्के मकान को तो़ड़कर घटिया स्तर के आवास देना कहां कि समझदारी है। नेताओ ने कहा कि डबरीपारा को अतिक्रमण दस्ते का भेंट नहीं चढ़ने दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

close