रायपुर—-शहर जिला कांग्रेस कमेटी और एन.एस.यू.आई. नें आदिवासी हॉस्टल में गैस सिलेण्डर फटने से आगजनी का शिकार हुए दोनों घायल महिलाओं का मेकाहारा में ईलाज के दौरान हुई मौत के लिये राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस नेताओं ने आज शव को सड़क पर रखकर उग्र प्रदर्शन किया। उपस्थित नेताओ ने आरोप लगाया है कि यदि पीड़ितों का इलाज समुचित ढंग से होता तो उनकी जान बच सकती थी।
रायपुर शहर अध्यक्ष विकास उपाध्याय नें बताया कि छात्रावास में सिलेण्डर हादसा में सैकड़ो लोगों की जान बचाने वाले ईलाज के भाव में जान गॅवा दिया है। आंशिक मात्रा में जली कुछ महिलाओं की मौत मेकाहारा में ईलाज के आभाव के चलते हो गई। राज्य सरकार ने घायल महिलाओं की सहीं ढंग से चिकित्सा सुविधा मुहैया नही कराया। जिसके चलते उनकी मौत हो गयी। इससे राज्य सरकार के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में दिये जाने वाली स्वास्थ सुविधाओं की पोल खुल गई है।
कांग्रेसियों ने स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाया है कि राज्य की जनता को शासकीय अस्पतालों में गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का ढिंढोरा पीटने का काम कर रहें हैं। आदिवासी छात्रावास सिलेण्डर आगजनी कांड में घायलों की मौत ईलाज की लापरवाही के कारण हुई। विकास उपाध्याय नें कहा स्वास्थ्य मंत्री को नैतिकता के आधार पर पद से ईस्तीफा दे देना चाहिये।
विकास उपाध्याय नें ईलाज के दौरान हुई महिलाओं की मौत के लिये जिम्मेंदारों पर कार्यवाही और पीडि़त परिवार के लिए 20 लाख रूपये मुआवजा कि मांग की है। एन.एस.यू.आई. और कांग्रेस नेताओं ने पिडि़त परिवार और छात्रावास के छात्राओं के साथ शव को मुख्य मार्ग पर रखकर चक्का जाम कर राज्य सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया।
विकास उपाध्याय नें पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि तत्काल देने की मांग करते हुए कहा कि गैस एजेन्सियों की लापरवाही के कारण आम उपभोक्ता गैस रिसाव से जुझ रहा हैं। बावजूद इसके सरकार कान में रूई डालकर बैठी हुई है। यदि उपभोक्ताओं की शिकायतों को नजरअंदाज नहीं किया जाता तो हादसे को टाला जा सकता था। कांग्रेस और एनएसयूआई नेताओं ने गैस कम्पनियों के खिलाफ भी आंदोलन की चेतावनी दी है।