Join Our WhatsApp Group Join Now
बिलासपुर । कानन पेण्डारी जूलाजिकल गार्डन में चिंकारा ने एक स्वस्थ मादा शावक को जन्म दिया है।कानन के इतिहास में यह नया आयाम जुड़ा कि यहां वर्षों से एकाकी जीवन बीता रही मादा चिंकारा ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। बच्चा मादा है।
ग्वालियर जू से हमारे कानन में पहले से उपलब्ध मादा चिंकारा की प्रजनन हेतु नर चिंकारा पिछले मार्च मे लाए थे । दोनों में सफल प्रजनन के परिणाम स्वरुप शुक्रवार को कानन में चिंकारा का नया मेहमान कानन में आया है। चिंकारा को इंडियन गजेल (Indian Gazelle) कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम गजेल्ला बेनेटी है। हिरण प्रजाति के यही एक प्रजाति है, जिनमे नर व मादा दोनो में सिंग होते हैं। नर के सिंग बड़े सुन्दर घुमावदार होते है जबकि मादा में सिंग छोटे व कम घुमावदार रहते है। इनके सींग नहीं झड़ते अर्थात् ये एन्टीलोप कहलाते हैं। देखने में ये काला हिरण के समान होते हैं। कालाहिरण प्रजाति अन्तर्गत मादा में सिंग नहीं होते जबकि मादा चींकारा में सिंग होता है।
बिलासपुर के जंगलों में चिंकारा नहीं है ये मनेन्द्रगढ़ के जंगलों में पाए जाते हैं।चिंकारा का नया शावक आने से इनकी कुल संख्या एक नर: दो मादा कुल तीन हो गई है।एक ही कुल में प्रजनन न हो इस हेतु जूनागढ़ से 1:1 कुल दो नग चिंकारा लाने हेतु जूनागढ़ जू शकरबाघ से सहमति मिल गई है।