कानूनी अधिकारों की जागरूकता से बच्चें भविष्य में बनेंगे सशक्त नागरिक-डॉ.रमन सिंह

Shri Mi
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बस्तर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बस्तर विकासखण्ड के ग्राम घाटलोहंगा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में गठित विधिक साक्षरता क्लब का शुभारंभ किया।मुख्यमंत्री ने इस पहल को बच्चों को नई दिशा में ले जाने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि छोटी उम्र से ही बच्चों को कानूनी अधिकारों और कर्त्तव्यों के प्रति जागरुकता लाने पर वे भविष्य में अधिक सशक्त नागरिक के रुप में अपनी भूमिका निभाएंगे और देश और समाज की उन्नति में योगदान देंगे। उन्हांेने कहा कि जो बाते बचपन में सिखाई जाती हैं, वे जीवन भर न केवल याद रहती हैं, बल्कि वह संस्कार बनकर जीवनचर्या का हिस्सा बन जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ने हमें कई मूलभूत अधिकार दिए हैं, जिनमें शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार कौशल का अधिकार आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि अधिकारों का लाभ लेने के लिए जागरुकता जरुरी है तथा विधिक अधिकारों की जानकारी जीवन की अमूल्य पूंजी साबित होगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में व्याप्त कुप्रथाओं को रोकने के लिए कानून बनाए गए हैं तथा इन कानूनों का पालन भी समाज की जागरुकता से होगा। उन्होंने बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने के लिए वहां उपस्थित बालिकाओं से समर्थन मांगा, जिस पर बालिकाओं ने हाथों को ऊपर उठाकर समर्थन दिया।

सीएम ने कहा कि बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने के लिए बालिकाओं को आगे आना होगा तथा स्वयं के या अन्य बालिका के बाल विवाह की जानकारी मिलने पर उसे रोकने के लिए कदम उठाना होगा। उन्होंने भ्रुण हत्या को रोकने के लिए बनाए गए कानून का जिक्र भी किया और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ और बस्तर में बेहतर लिंगानुपात है तथा यहां बेटियों की पूजा शक्ति के रुप में की जाती है।

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण रक्षा और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का पालन करने के साथ ही बंधुआ मजदूरी, बाल मजदूरी, मानव व्यापार, आदि बुराईयों को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों के संबंध में भी जानकारी को जरुरी बताया।  मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में बने विधिक साक्षरता क्लबों में उपलब्ध किताबों को पढ़कर विद्यार्थियों द्वारा जानकारी बढ़ाए जाने के बाद कानूनविदों द्वारा प्रश्नोत्तरी के माध्यम से इसकी परख भी की जाएगी। उन्होंने बच्चों में कानूनी जागरुकता बढ़ाने के लिए स्कूली पाठ्यक्रमों में भी विधिक ज्ञान को शामिल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बच्चों में कानून का ज्ञान बढ़ने पर घर-परिवार, पालक के साथ ही गांव के लोगों को भी लाभ होगा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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