बिलासपुर—जिले में संचालित प्राइवेट नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, क्लीनिक, मेटरनिटी होम जो नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं कर रहे हैं। वे स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए अपात्र मानी जायेंगी और ऐसी संस्था को तब तक बंद रखना होगा, जब तक वे निर्धारित मापदण्डों का पालन सुनिश्चित नहीं करेंगे। कलेक्टर अन्बलगन पी. ने नर्सिंग होम एक्ट के पालन के लिए गठित समिति की बैठक में कही।
मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में क्लीनिकल संस्थाएं जिनका प्रथम, द्वितीय निरीक्षण पूर्ण हो गया है। उनकों लायसेंस दिये जाने के संबंध में चर्चा की गई। प्रभारी डॉ.. जीवानी ने बताया कि निरीक्षण दल द्वारा 43 स्वास्थ्य संस्थाओं का निरीक्षण किया गया, जिसमें 31 क्लीनिक में से 20, 4 डायगनोस्टिक सेन्टर में से 03 और 08 नर्सिंग होम, मेटरनिटी होम में से 04 सेन्टर मानक अनुसार पात्र पाये गये। जिन्हें नियमानुसार 05 वर्ष हेतु पंजीयन प्रमाण पत्र दिया जाना प्रस्तावित है। जो अपात्र हैं, उनकों व्यवस्था सुधार के लिए एक माह का समय दिया जायेगा।
कलेक्टर ने कहा कि जो एक्ट बना है उसका कड़ाई से पालन करें और निरीक्षण दलों द्वारा निरीक्षण समुचित रूप से किया जाये। जो अमानक पाये गये हैं उनकों नोटिस जारी करें। शेष बची संस्थाओं का निरीक्षण टाइम लिमिट के भीतर करने का निर्देश दिया। अस्पतालों को दिया गया लायसेंस मुख्य जगह पर प्रदर्शित करने हेतु लिखित निर्देश जारी करने कहा।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत् सोनोग्राफी सेन्टरों में एक्टिव ट्रेकर सिस्टम लगाये जाने के संबंध में कलेक्टर ने जानकारी ली। 17 सेन्टरों में अभी यह नहीं लगाया गया है। कलेक्टर ने कहा कि सभी सोनोग्राफी सेन्टरों में यह सिस्टम शीघ्र लगवाये तथा इनकी सख्ती से जांच भी करें।