बिलासपुर— गाय की मौत भूख से हुई है। इसमें पशुधन विकास विभाग की कोई भूमिका नहीं है। बावजूद इसके शासन ने तीन चिकित्सक समेत 9 लोगों को सस्पेंड किया है। बिलासपुर पशु चिकित्सा विभाग के सभी कर्मचारी शासन के आदेश का विरोध करते हैं। हम लोगों ने आज काली पट्टी बांधकर काम किया। 26 अगस्त को भी काली पट्टी बांधकर ना केवल कामकाज करेंगे। बल्कि शासन की तानाशाही का विरोध भी करेंगे। 28 अगस्त को रायपुर में विभागीय कर्मचारी जंगी धरना प्रदर्शन करेंगे। पशु चिकित्सा विभाग के सभी कर्मचारियों ने विभाग के सामने जिन्दाबाद और मुर्दाबाद नारेबाजी के दौरान यह बातें कहीं है।
पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ और चिकित्सा क्षेत्र कर्मचारी संघ के आह्वान पर पशु चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों ने बांह में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया । संयुक्त संघ के जिला और संभागीय पदाधिकारियों ने बताया कि बेमेतरा,दुर्ग,साजा,राजपुर,धमधा में गायों की मौत दुखद है। लेकिन इसके लिए पशुधन विभाग कहीं से भी जिम्मेदार नहीं है। शासन ने बिना किसी दोष के 9 लोगों को निलंबित कर दिया। निलंबित कर्मचारियों और अधिकारियों में डाक्टर और अन्य कर्मचारी प्रमुख रूप से शामिल हैं।
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि गौशाला का पंजीयन छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग करता है। पशुसंख्या के आधार पर आहार और अन्य कार्यों के लिए आयोग राशि का वितरण करता है। लेकिन गौशाला संचालकों ने गायों को भूखा रखा। जिसके कारण गौ माताओं की मौत हुई है। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि गौशाला का नियंत्रण गौसेवा आयोग करता है। विभागीय अधिकारियों का काम टीककरण,और बीमार पशुओं का उपचार करना मात्र है। लेकिन बिना किसी जांच और आधार के विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। शल्यज्ञ और चिकित्सा अधिकारी संघ शासन की तानाशाही कार्रवाई का विरोध करता है।
संघ पदाधिकारियों ने बताया कि मामले को दबाने के लिए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया गया है। संयुक्त मोर्चा के निर्देश पर विभागीय कर्मचारी और अधिकारी प्रदेश स्तर पर 25 और 26 अगस्त को काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया है।
संयुक्त कर्मचारी और अधिकारी संघ ने बताया कि 28 अगस्त 2017 को रायपुर स्थित बूढ़ातालाब में संस्पेंड़ किए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के समर्थन में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। शासन ने निलंबन के आदेश को वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन भी किया जाएगा।