……किसानों को 80 करोड़ कमीशन…कैसे सामने आया 98 करोड़ का घोटाला..

BHASKAR MISHRA
4 Min Read

tiwari sahkariबिलासपुर— सहकार भारती के आरोपों से इंकार करते हुए जिला सहकारी बैंक सीईओ अभिषेक तिवारी ने बताया कि मुझे सीईओ बनाकर भेजा गया था। ना की घोटाले का जांच अधिकारी…। मुझे नहीं मालूम कौन मंत्री किसानों के पैसे से काजू बादाम खा रहा है। लेकिन इतना मालूम है कि मैने किसी भी दोषी या घोटालेबाजे को बचाने का प्रयास नहीं किया। आरोप लगाने वालों को समझना होगा कि बैंक से दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया तो 98 करोड़ का घोटाला सामने कैसे आया। जिसकी रिपोर्ट सरकार तक भेज दी गयी है।ॉ

Join Our WhatsApp Group Join Now

                      राकेश मिश्रा के आरोपों का जिला सहकारी बैंक सीईओं ने जवाब दिया है। अभिषेक तिवारी ने बताया कि जब बैंक घाटे में थी तो मुझे सीईओ बनाकर भेजा गया…ना की घोटाले का जांच अधिकारी..। बैंक घोटाला जांच का जिम्मा संयुक्त संचालक पंजीयन के.एल.ठारगावें की अगुवाई में 14 सदस्यीय टीम को दिया गया। टीम ने जो भी दस्तावेज मांगा…बैंक ने दिया। उसी दस्तावेज के आधार पर 98 करोड़ घोटाला सामने आया।

                                        अभिषेक तिवारी ने सीजी वाल को बताया किुा सीईओ पदभार के समय बैंक की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं थी। कलेक्टर और मंत्री के प्रयास से चारों जिलों में बम्पर धान खरीदी हुई। जीरो शार्टेज का रिकार्ड बना। पिछले तीन साल में 120 करोड़ के घाटे से निकलकर बैंक 64 करोड़ के मुनाफे आ गया है। कलेक्टर अन्बलंगन पी.के लगातार प्रयास से बैंक को 11-1 (क) से बाहर निकालकर डिफाल्टर होने से बचाया गया। लोगों का विश्वास दुबारा लौटा है।

100 लोग बर्खास्त…150 कर्मचारी पदावनतिSAHKARITA_GRADE_VISUAL 003

             अभिषेक ने बताया कि मैं ना तो जांच अधिकारी हूं…ना ही जांच टीम का सदस्य …। बावजूद इसके जब जब जरूरत हुई…बैंक ने जांच टीम का सहयोग किया। तात्कालीन कलेक्टर अन्बलगन पी.ने सकारात्मक कदम उठाए। मेरा किसी भी पुराने या नए संचालकों से लेना देना नहीं। यदि ऐसा होता तो 100 कर्मचारियों को बर्खास्त नहीं करता। नियम विरूद्ध प्रमोशन पाने वाले 128 लोगों को जांच के बाद रिवर्ट किया। 78 संविदा नियुक्तियों को बाहर का रास्ता दिखाया।

बैंक ने दिया 80 करोड़ का कमीशन

              बैंक सीईओ ने बताया कि उंगली उठाने वालों को सोच समझकर बोलना चाहिए। उन्हें बोलने से पहले जानकारी होनी चाहिए। किसानों के बीच पिछले दो सालों में धान खरीदी में जीरो शार्टेज के साथ 80 करोड़ का  कमीशन बांटा गया। बैंक 64 करोड़ के मुनाफे में है। जबकि 120 करो़ड़ का घाटा भी खत्म कर लिया है। किसानों और समितियों का विश्वास लौटा है। बताना चाहूंगा कि यदि बैंक ने दस्तावेज नहीं दिये होते तो किसी का नाम घोटाले में सामने नहीं आता। लेकिन बताना जरूरी है कि मैं सीईओ हूं….ना कि जांच टीम का सदस्य। सरकार से इस शर्त पर मेरी नियुक्ति हुई कि किसानों के हित और बैंक की विश्वनीयता को किस प्रकार कायम करें। अपेक्स बैंक से शर्तों के साथ मिले कर्ज को किसानों के हित में कितने कारगर तरीके से उपयोग हो। मैं आरोपों से डरता नहीं हूं। किसानों के हित और सरकार का जो भी निर्देश होगा उसका पालन करूंगा। लेकिन गलत नहीं होने दूंगा।

                        अभिषेक ने बताया कि हो सकता है कि जिला सहकारी बैंक का अपेक्स में मर्ज होने से किसी को तकलीफ हो। उसका इलाज मेरे पास नहीं है। लेकिन पारदर्शिता से किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। जब जिस मंच पर जवाब मांगा जाएगा उसका दूंगा।

close