बिलासपुर—बेलतरा के किसान और व्यवसाइयों ने जमीन अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में भारी अनियमितता की शिकायत की है। जिला प्रशासन को लिखित शिकायत कर किसान और व्यापारियों के साथ जमीन अधिग्रहण में प्रभावित लोगोने दुबारा सर्वे किए जाने की मांग की है। पीड़ितों ने बताया कि पटवारी से लेकर सभी लोगों ने मामले में बंंदरबांट की है।
बेलतरा के किसान और व्यापारियों ने जिला प्रशासन को लिखित शिकायत कर राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित किए गए जमीन में भारी अनिमयमितिता की शिकायत की है। पीड़ितों ने बताया कि शासन ने राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण का एलान किया। किसानों और व्यापारियों की जमीन, दुकान, मकान का अधिग्रहण किया। अधिग्रहम के दौरान जमीन माप और दुकान मूल्यांकन में घोर अनियमितता की गयी है। प्रथम प्रकाशन के बाद पीड़ितों ने सुधार के लिए आवेदन दिया। लेकिन ध्यान नही दिया गया।
राजपत्र के दूसरे प्रकाशन में कुछ किसानों का नाम काट दिया गया। किसी की जमीन का खसरा बदल दिया गया। कुछ की कम तो कुछ की ज्यादा जमीन अधिग्रहण करना बताया गया। पटवारी ने मामले में जमकर धांधली की है। मामले की शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से भी की गयी। बावजूद इसके किसी ने गंभीरता से नहीं लिया है।
पीड़ितो ने अपनी लिखित शिकायत में बतायाक कि बेलतरा हल्का नम्बर 6 का पटवारी मुआवजा राशि की सूची दिखाने से इंकार कर दिया है। इससे जाहिर होता है कि जमीन अधिग्रहण के समय पटवारी ने जमकर धांधली की है। जबकि नियम है कि जमीन अधिग्रहण के पहले मुनादी कराया जाना जरूरी होता है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया। बल्कि किसानों की गैरमौजूदगी में जमीन को नाप जोखा गया है।
जिला प्रशासन से अपनी गुहार में किसानों ने बताया कि अधिकारियों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित लोगों को पहले चरण मे दो गुना मुआवजा दिया जाएगा। दूसरे चरण में दो गुना अलग से मुआवाजा का वितरण होगा। हम चाहते हैं कि प्रभावितों को एकमुश्त मुआवाजा देने की व्यवस्था की जाए।
किसान और प्रभावितों ने कहा कि अधिग्रहण के पहले नए सिरे से जमीन,दुकान और मकान का मुल्यांकन किया जाए। समस्या का निराकरण नहीं होने की सूरत में राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा।