किसान नेता धीरेन्द्र ने कहा..अध्यादेश में सुधार की गुंजाइश..किसानों का होगा भला..अन्यथा चढ़ जाएगा निजीकरण का भेंट

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—–  भारतीय किसान संघ पदाधिकाारियों ने कृषि व्यापार अध्यादेश 2020 में सुधार की गुंजाइश होना बताया है। संगठन जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि सभी फसलों  को एमएसपी किया जाना चाहिए। इससे किसानों का ना केवल उत्साह बढ़ेगा। बल्कि लोगों का ध्यान कृषि कार्य के तरफ आकर्षित होगा। साथ ही अन्य क्षेत्रों पर दबाव भी कम होगा।
 
             भारतीय किसान संगठन जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ समेतभारत कृषि प्रधान देश है। बावजूद इसके किसानों की स्थिति चिंतनीय है। किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने सुधार कार्य का होना बहुत जरूरी है।  केन्द्र सरकार ने कृषि व्यापार अध्यादेश 2020 के माध्यम से किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास किया है। बावजूद इसके अध्यादेश में अभी भी बहुत गंजाइश की संभावना है।
 
              धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि एपीएमसी मतलब एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी पर सभी प्रकार का उपज की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान करना चाहिए। कान्ट्रेक्ट फार्मिंग यानि ठेका खेती, निजी कंपनियों से संचालित व्यापार का राज्य और  केंद्र स्तर पर पंजीयन की आवश्यकता है। बैंक सेक्यूरिटी सरकारी पोर्टल के माध्यम से होना चाहिए।
 
          किसान नेता ने बताया कि संदर्भित विवाद पर समाधान के लिए स्वतंत्र कृषि न्यायालय की व्यवस्था हो। विवादों का निपटारा किसान के जिले में ही हो । केन्द्र सरकार के इस अध्यादेश में किसान की परिभाषा में कॉर्पोरेट कंपनियां भी एक किसान के रूप मे आ रही है। जो उचित नहीं है। बेहतर होगा कि अध्यादेश के प्रावधानों को तर्क संगत बनाकर केवल कृषि पर ही फोकस किया जाए। यदि परिभाषा में संशोधन नहीं किया गया तो वह दिन दूर नही जब कृषि फार्मिंग विधेयक किसान विरोधी और निजीकरण के दिशा में जाता हुआ दिखाई देगा।
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