कुछ ऐसा लिखो कि लोग मिलने को आतुर रहें…ज्ञान अवस्थी

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

IMG-20170409-WA0003बिलासपुर– वरिष्ठ पत्रकार ज्ञान अवस्थी ने रविवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ अनुभवों को साझा किया। एक दिन पहले  हरिभूमि से अवकाश प्राप्ति के बाद ज्ञान अवस्थी का बिलासपुर प्रेस क्लब के  पत्राकारों ने फूल माला से स्वागत किया। बिलासपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष कमलेश शर्मा, सचिव विश्वेष ठाकरे,वरिष्ठ पत्रकार शशिकांत कोन्हेर समेत अन्य पत्रकार साथियों ने ज्ञान अवस्थी का स्वागत किया। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार हबीब खान,अशोक शर्मा, सुधीर खण्डेलवाल, शहजादी कुरैशी समेत प्रेस क्लब के सभी पत्रकार विशेष रूप से मौजूद थे।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                            प्रेस क्लब अध्यक्ष कमलेश शर्मा के स्वागत भाषण के बाद ज्ञान अवस्थी ने अपने अनुभवों को युवा पत्रकारों के साथ साझा किया। पत्रकारिता जगत में प्रवेश से लेकर वर्तमान समय तक की यात्रा के अनुभवों को सबके सामने रखा। ज्ञान अवस्थी ने बताया कि पत्रकारिता जगत के दौरान लोगों की तरह मुझे भी खट्टे मीठे अनुभव मिले है। रायपुर से पत्रकारिता का सफर शुरू किया…यात्रा बिलासपुर में पूरी हुई। उन्होने कहा कि पत्रकार इतना नीचे ना जाए कि लोग आएं और हाथ साफ कर चले जाए। लेकिन उसे आत्ममुग्धता से भी दूर रहना होगा।

                           अनुभवों को साझा करते हुए ज्ञान अवस्थी ने कहा कि पत्रकारों मे नैतिक बल का होना बहुत जरूरी है। यदि आप नैतिक रूप से मजबूत हैं तो आपका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। अपने जीवन का एक किस्सा सुनाते हुए ज्ञान ने कहा कि जोन आंदोलन के दौरान तत्कालीन पुलिस अधिकारी मोदी को भी मेरे समर्थन में बयान देना पड़ा। जबकि पत्रकारिता के दौरान मैने उनके खिलाफ खबर चलाया था। यदि आप सहीं है तो देर सबेर लोग आपके साथ रहेंगे। अवस्थी ने कहा कि मुझे पत्रकारिता के जरिए समाजसेवा का अवसर मिला।

                              ज्ञान अवस्थी ने युवा पत्रकारों को बताया कि लगातार संघर्ष के बाद बिलासपुर को रेल जोन मिला। संघर्ष के दौरान श्रेय को लेकर कभी सोचा तक नहीं। अभी भी मैं इस बात को लेकर नहीं सोचता कि इसका श्रेय मिलना चाहिए था या नहींं। मुझे खुशी है कि बिलासपुर को रेल जोन मिला। इस दौरान ज्ञान अवस्थी ने रिपोर्टिंंग से लेकर जीवन से जुड़ी कई कहानियों  के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अवस्थी ने कहा कि कुछ ऐसा लिखो कि लोग आपसे मिलने को आतुर रहें। आपको लोग हमेशा याद रखें।

                               सम्मान कार्यक्रम को शशिकांत कोन्हेर, हबीब खान और शहजादी कुरैशी ने भी संबोधित किया। सुधीर खण्डेलवान ने ज्ञान अवस्थी के कार्यप्रणाली पर संक्षिप्त भाषण दिया। उन्होने वरिष्ठ पत्रकार को स्मृति चिन्ह के साथ कलम भेट की। कार्यक्रम के अंत में सभी पत्रकारों ने ज्ञान अवस्थी के दीर्घायु होने की कामना करते हुए मार्गदर्शन देते रहने का आग्रह किया।

close