कृमि नाशक दवा से 23 बच्चे बीमार..प्रशासन में हड़कम्प

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170210-WA0315बिलासपुर— प्रदेश में आज राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस शोर शराबे के साथ मनाया गया। देर शाम तक सारा शोर शराब गमगीन माहौल में बदल गया। बच्चों की दी गयी दवाइयों ने महकमे की नींद उड़ा दी। दवाई खाने के बाद 22 बच्चे अस्पताल पहुंच गए। सभी बच्चों को दवाइयां आंगनबाड़ी कैम्प में दी गयी हैं।

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                       मस्तूरी में राष्ट्रीय मुक्ति दिवस पर बांटी गयी दवाइयों को खाकर 22 बच्चे स्वास्थ्य केन्द्र पहुंच गये हैं। मालूम हो कि आज राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिले के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य विभाग ने कैम्प लगाया। 1से 19 वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं को निशुल्क दवाई खिलाई गयीं। मस्तूरी स्कूल में भी कृमिनाशक दवा अर्मेन्डाजाल खिलाया गया। दवा खाने के कुछ घंटे बाद कई बच्चों को उल्टी दस्त शुरू हो गयी।कई बच्चे मौके पर ही बेहोश हो गये।

                   उल्टी दस्त के शिकार करीब 22 बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मस्तूरी में भर्ती किया गया है। कुछ बच्चे स्कूल में ही बेहोश हो गए। आनन फानन में उन्हें ओआरएस का घोल पिलाया गया। घबराये शिक्षको ने सभी बच्चों को मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र् में 108 की मदद से भर्ती कराया। फिलहाल सभी बच्चे खतरे से बाहर है। उनका ईलाज लगातार चल रहा है।

                         बिलासपुर के बहतराई हाई स्कूल में भी कृमिनाशक दवा अरमेन्डाजाल पीने से एक बच्ची की यकायक तबीयत खराब हो गयी। ब्चची को आनन फानन में 108 की सहायता से सिम्स में भर्ती किया गया। फिलहाल उसका उसका ईलाज चल रहा है।लगातार मिल रही शिकायत के बाद स्वास्थ्य और जिला महकमा सकते में आ गया है। मामले में जिला प्रशासन के अधिकारियों से सम्पर्क का प्रयास किया गया लेकिन किसी ने मोबाइल उठाने की जहमत नहीं की है।

        अभी एक दिन पहले मध्यप्रदेश में कृमि की दवा खाने से कई छात्र छात्राओं की हालत बिगड़ गयी थी। बिलासपुर में भी ऐसा ही कुछ राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर देखने को मिला है दवा खाने से अभी तक 23 बच्चों के बीमार होने की खबर है। इस तरह एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही सामने आयी है। नशबंदी काण्ड के बाद भी स्वास्थ्य विभाग लापरवाही से बाज नहीं आया है। बताया जा रहा है कि सीएचएमओं इस समय दिल्ली प्रवास पर हैं।

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