बिलासपुर ( प्राण चड्डा )।अचानकमार टाइगर रिजर्व से अमरकंटक की राह बंद करने की तैयारी है । इसके लिए रतनपुर केंदा केवंची या पेंड्रा होते हुए अमरकंटक जाने का रास्ता रहेगा। यह रास्ता काफी बन चुका है और घाट का काम ‘विलंबित’ गति से चल रहा है ।पेंड्रा से पहले इस घाट की चट्टानों को काटा गया है और इसके साथ ‘सिलिकान वेली’ प्रकट हो गई है ,,!
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इस बार बिलासपुर से अमरकंटक जाने के लिए इस रास्ते को चुना था । जब कार इस घाट के कच्चे रस्ते को पार कर रही थी तो नवभारत के पूर्व सम्पादक बजरंग केडिया की नजर चांदी-सोना से मिली चमकती इस पहाड़ी चट्टानों पर पड़ी । बच्चन सिंह ने कार रोकी और मैंने कुछ फोटो लीं । अमरकंटक के इलाके में बाक्साइट की खान रही है.. और ‘अबरक’ भी सड़क पर बिखरा हुआ मिलता रहा है.. पर इस निर्माणाधीन राह में तो चमकीली अबरक [सिलिकान] की दूर तक चट्टानें बड़ी मोहक है..! ये चट्टानें किस वजह से चमक रही है इसकी अंतिम पुष्टि बाकी है..!
एक बात और राह तो ठीक बनी है.. पर इस घाट में जिस विलंबित गति से काम हो रहा है. नहीं लगता की नवम्बर तक ये घाट बन पायेगा और ‘अचानकमार टाइगर रिजर्व’ की पांच बेरियर वाली राह बंद हो पायेगी ,,!