VIDEO:गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय का बिगड़ा माहौल..ABVP सहमंत्री ने छात्र को दौड़ाकर पीटा,कुलपति से मुलाकात बाद बोले-कांग्रेसी..छत्तीसगढ़ियों का अपमान,फिर आंदोलन की जरूरत

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- कुलपति से मुलाकात बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में शामिल विजय केशरवानी, महेन्द्र गंगोत्री, राजेन्द्र साहू, गोपाल दुबे, नाजिम खान और रंजीत सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय का माहौल पूरी तरह से बिगड़ चुका है। पानी सिर के ऊपर हो चुका है। अब विश्वविद्यालय का शैक्षणिक गतिविधियों को सुचारू रूप से पटरी पर लाने की जरूरत है। जल्द ही इस मामले में कांग्रेस संगठन और पुराने छात्र संगठन के बीच चर्चा होगी। जिला कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व छात्र नेता विजय केशरवानी ने बताया कि सरेआम प्रशानिक भवन के सामने एक छात्र को एबीव्हीपी संगठन नेता सन्नी केशरी पीटता है। और कुलपति कहती हैं कि हमें जानकारी नही है। शर्म की बात है। विश्वविद्यालय का माहौल बिगड़ चुका है। हमने केन्द्रीय विश्वविद्यालय के लिए इसलिए ही  संघर्ष नहीं किया था। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

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छात्र को दौड़ाया…और पीटा..दूसरे छात्र को बनाया बंधक

   जानकारी हो कि एक दिन पहले दोपहर बाद करीब तीन बजे एक छात्र अपने भाई के साथ विश्वविद्यालय आया। अपने भाई को छोड़ने के बाद जब वह जाने लगा तो उसे एबीव्हीपी के प्रदेश सह मंत्री सन्नी केशरी और उनके साथियों ने पकड़ लिया। इसके बाद केशरी के अन्य साथी विश्वविद्यालय के छात्र को दौड़ाया और पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। चूंकि वह छात्र स्कूल प्रतिनिधि का चुनाव लड़ रहा है। इसलिए एबीव्हीपी के नेताओं ने नाम वापस लेने के लिए दबाव बनाया। इस बीच किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।

विजय ने कहा काफी दुखद घटना..माहौल खऱाब हुआ

               विजय केशरवानी ने बताया कि कुलपति से मिलकर चर्चा की है। बताने का प्रयास किया गया कि विश्वविद्यालय का माहौल बिगड़ रहा है। प्रदेश और देश में बदनामी हो रही है। सुनियोजित तरीके से आरएसएस को संरक्षण दिया जा रहा है। शिक्षा के मंदिर को राजनीति का केन्द्र बनाया जा रहा है। इस पर जल्द से जल्द विचार करें। केशरवानी ने जानकारी दी कि हमने कुलपति से कहा है कि यहां आरएसएस वालों की भर्तियां हो रही है। छत्तीसगढ के छात्रों और प्रतिभाओं के साथ दोयम व्यवहार किया जा रहा है। यदि हमारी बातों को गौर नहीं किया गया तो विश्वविद्यालय के माहौल को गरिमामय बनाने के लिए फिर एक और सही..उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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