बिलासपुर—- जिला कांग्रेस नेताओं समेत एनएसयूआई औरयुवा कांग्रेसियों ने मिलकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय का घेराव किया। इस दौरान नेताओं ने कुलपति अंजीला गुप्ता के खिलाफ प्रशासनिक भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया। वरिष्ठ और युवा नेताओं ने हाथों में कुलपति हटाओ का पोस्टर लेकर जमकर नारेबाजी की। कुलपति हाय हाय के नारे भी लगाए। इस दौरान पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था के अलावा जिला प्रशासन के आलाधिकारी भी मौजूद थे।
अटल श्रीवास्तव, विजय केशरवानी और महेन्द्र गंगोत्री समेत पूर्व छात्र नेताओं की अगुरवाई में एनएसयूआई समेत कांग्रेस संगठन के नेताओं ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय का घेराव किया। इस दौरान नेताओं ने करीब एक से डेढ़ घंटे तक भाषणवाजी की। साथ थी युवाओं ने कुलपति अंजीला गुप्ता के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हटाए जाने की मांग भी की। भाषण के ,अंत में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन के प्रतिनिधि अधिकारी एआर टण्डन को ज्ञापन दिया। साथ ही एलान किया कि जब तक कुलपति को हटाया नहीं जाता है तब तक धरना प्रदर्शन चलता रहेगा।
इसके पहले केन्द्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश करते ही छात्रों ने परिसर के मुख्य दरवाजे पर हाथ में झण्डा लेकर कांग्रेसियों का स्वागत किया। जिन्दाबाद के नारे लगाए। छात्र छात्राओं ने कांग्रेस नेताओं को अपनी पीड़ा को लेकर बाते भी की।
प्रशासनिक भवन के सामने पहुंचने के पहले ही विश्वविद्यालय का चैनल गेट बन्द कर दिया गया। उसी के सामने कांग्रेसियों समेत एनएसयूआई के नेताओं ने जमकर झूमा झटकी की। कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में वही पोर्च के नीच बैठकर भाषणवाजी भी की।
इस दौरान अटल श्रीवास्तव,विजय केशरवानी,महेन्द्र गंगोत्री, सुनील शुक्ला, स्वप्निल शुक्ला,धर्मेश शर्मा, सिद्धांशु मिश्रा,एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष, लकी मिश्रा, रंजीत सिंह, प्रियंका शुक्ला, भावेन्द्र गंगोत्री, अमित दुबे, अरविन्द शुक्ला समेत अन्य नेताओं ने भाषण दिया।
नेताओं ने कुलपति अंजिला गुप्ता पर निर्माण कार्य, नियुक्तियों में लेन देन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। नेताओं ने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय का गठन बाबा घासी दास के सिद्धान्तों को ध्यान में बनाया गया। इसके लिए हमने बहुत पापड़ बेलने पड़े हैं। बिलासपुर से दिल्ली तक संघर्ष करना पड़ा है। लेकिन वर्तमान कुलपति ने इसे आरएसएस का चारागाह बनाकर रख दिया है।
नेताओं ने कहा कि नियुक्तियों में पारदर्शिता नाम की चीज नहीं है। अपनों अपनों को नियुक्त कर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि पिछले चार साल में कुलपति के रहते हुए जितनी भी नियुक्तियां या निर्माण कार्य किए गए है। सबकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। नेताओं ने बताया कि रोस्टर के साथ बार बार खिलवाड़ किया गया। खुद को एक साल तक फिर से कुलपति बनाए रखने के लिए नियमों से खिलवाड़ किया गया। छात्र संघ चुनाव में जानबूझकर देरी की जाती है। छात्रों और प्राध्यापकों को कुलपति से मिलने के लिए सप्ताह का इंतजार करना पड़ता है। अयोग्य लोगों की नियुक्तियां की गयी है। यूजीसी के सभी नियमों को कुलपति ने खरीदी से लेकर नियुक्तियों और निर्माण कार्यों में ताक पर रखा है।
कार्यक्रम के अंत में नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम चार बिन्दु वाला ज्ञापन दिया।साथ ही पूरे प्रकरण में सीबीआई जांच की मांग की है। प्रमुख बिन्दु इस प्रकार है।
1,वर्तमान कुलपतिअंजिला गुप्ता के कार्यकाल में विश्ववि्द्यालय में नियुक्तियों की सीबीआई जांच की जाए। 2. विश्वविद्यालय में कुलपति के कार्यकाल में किए गए निर्माण कार्यों से सबंधित दस्तावेजों को जब्त कर सूक्ष्म जांच की जाए। 3, रोस्टर को लेकर अपनायी गयी समस्त प्रक्रियाओं की जांच हो।4, विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण पदों पर नियमित नियुक्ति न कर प्राध्यापकों को महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा जाए। जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके।
मौजूद नहीं थी कुलपति
धरना प्रदर्शन और घेराव की जानकारी के बाद कांग्रेसियों के पहुंचने से पहले ही कुलपति अंजिला गुप्ता विश्वविद्यालय से निकल चुकी थी। रजिस्ट्रार भी नजर नहीं आए। इस दौरान सभी कर्मचारी धरना प्रदर्शन का नजारा लेते रहे।