केन्द्र तय करेगा आदिवासी मुख्यमंत्री–साय

BHASKAR MISHRA
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IMG-20151005-WA0004बिलासपुर—प्रदेश को आदिवासी मुख्यमंत्री की जरूरत नहीं है। सरकार का कामकाज ठीक चल रहा है। यदि केदार कश्यप के साथ लोहण्डीगुड़ा में साजिश हुई है तो जांच के बाद दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। मोदी ने विश्व में देश का नाम मजबूती के स्थापित किया है। महंगाई जैसी कोई बात नहीं है। यदि कुछ सामानों का दाम बढ़ा है तो पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में कमी आई है। ये बातें केन्द्रीय इस्पात मंत्री विष्णु देव साय ने देर शाम छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से कही।

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                     एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना की बैठक के बाद पेन्ड्रा से बिलासपुर पहुंचे इस्पात मंत्री साय ने कहा कि प्रदेश की सरकार अच्छा काम कर रही है। सब कुछ ठीक ठाक है। मुख्यमंत्री बदलने का सवाल ही नहीं उठता। विष्णु देव साय ने सीजी वाल के एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में जब रमन सिंह अच्छा काम काम कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री बदलने का प्रश्न ही नहीं उठता। प्रतिप्रश्न पर उन्होंने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता…लेकिन इसका फैसला केन्द्र सरकार को करना है। क्या आप मुख्यमंत्री के दावेदार हैं के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला भी केन्द्र सरकार को ही करना है।

             एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पेन्ड्रा में शिकायत मिली थी कि आदिवासी विकास की योजना तैयार करते समय जनप्रतिनिधियों से परामर्श नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि केन्द्रीय रूपयों का उपयोग किस तरह से होना है। इसकी जानकारी जनप्रतिनिधियों को भी होनी चाहिए। इतना ही नहीं प्रस्ताव बनाते समय जनप्रतिनिधियों का परामर्श भी लिया जाना चाहिए।

               केन्द्रीय मंत्री ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के पास चिल्लाने के अलावा कोई मुद्दा ही नहीं है। जब शासन में थे तब भी चिल्लाते थे। अब विपक्ष में हैं तो चिल्ला ही रहे हैं। दिग्विजय सिंह के शासन काल में बगीचा में भुखमरी का मामला सामने आया था। कांग्रेसियों को अब याद ही नहीं होगा। अब यदि कोई स्वाभाविक मौत मरे तो कांग्रेसियों को लगता है कि आदमी भूख से मरा है। यह सब घटिया राजनीति है। जो कांग्रेस ही कर सकती है। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आउटसोर्सिंग से आदिवासी अंचल में अच्छे शिक्षक आएंगे। आदिवासी समाज का कल्याण होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गणित,विज्ञान,अंग्रेजी के अच्छे शिक्षकों की कमी है। आउटसोर्सिंग से समस्या हल हो जाएगी। जब शिक्षक तैयार हो जाएंगे तो आउटसोर्सिंग को बंद कर दिया जाएगा।

           गो मांस पर प्रतिबंध के सवाल पर साय ने कहा कि जनभावनाओं को ध्याम में रखते हुए गोमांस पर प्रतिबंध लगना बहुत जरूरी है। मैं इसका समर्थन करता हूं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मोदी के प्रयास से भारत का स्टील व्यापार इस समय दुनिया में चौथे स्थान से तीसरे स्थान पर आ गया है। इसे दो और तीन पर लाने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लगातार प्रयास किया जा रहा है। परिणाम भी जल्द ही सामने आ जाएगा।

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