कैबिनेट फैसला:शराब बेचने सरकार बनाएगी सार्वजनिक उपक्रम

Shri Mi
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Cabinate Meetinng 24-01-17cc♦राशन दुकानों मे होगा चावल महोत्सव
रायपुर।मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई फैसले लिए गए।जिनमे छत्तीसगढ़ आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2017 का अनुमोदन किया गया।मंत्रिपरिषद के  अनुमोदन के पश्चात यह अध्यादेश अनुमोदन के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा।अध्यादेश के अनुसार देशी तथा विदेशी मदिरा दुकानों के राजस्व को सुरक्षित रखने तथा राज्य की जनता के स्वास्थ्य हित की दृष्टि से देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर विक्रय का अधिकार सार्वजनिक उपक्रम को दिया जाएगा।  इसके लिए राज्य शासन के पूर्ण स्वामित्व वाली नवीन सार्वजनिक उपक्रम बनाया जाएगा। इस पर अमल के लिए छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 18 (क) में संशोधन हेतु अध्यादेश लाने का निर्णय लिया गया।

             
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                                        बस्तर और सरगुजा संभागों के सभी जिलों के लिए तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में उसी जिले के स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने का प्रावधान 17 जनवरी 2012 से लागू किया गया था। इसकी अवधि समय-समय पर बढ़ायी गई थी। वर्तमान में अवधि 16 जनवरी 2017 को समाप्त हो गई है, जिसे 17 जनवरी 2017 से 31 दिसम्बर 2018 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

                                           गौरतलब है कि वर्तमान में इन प्रावधानों से दोनों संभागों में 10 हजार 526 आदिवासी युवाओं को शासकीय सेवाओं में नियुक्ति मिली है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आवश्यकता के अनुसार दो माह का राशन एक साथ वितरित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। राशन कार्डधारक एक साथ दो माह का राशन एक साथ ले सकेंगे। राज्य शासन पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा।

                                          हर राशन दुकान में चावल महोत्सव का आयोजन कर स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सामने राशन का वितरण किया जाएगा। पीडीएस में दो माह के चावल का आबंटन 3 लाख 48 हजार टन होगा, जिसे एक मुश्त प्रदाय करने पर आपूर्ति निगम के गोदामों में पर्याप्त स्थान भी उपलब्ध होगा। पंजीकृत किसान जो अपना धान 31 जनवरी की मध्य रात्रि के पूर्व समितियों के उपार्जन केन्द्रों में लाएंगे, उनका धान अवश्य खरीदा जाएगा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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