नईदिल्ली।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समिति ने सशस्त्र सेवा मुख्यालय सिविल सेवा रक्षा मंत्रालय की पुनर्सरंचना के एक अंग के रूप में नियमित आधार पर प्रधान निदेशक के सात पदों और निदेशक के 36 पदों के सृजन का अनुमोदन किया है।एएफएचक्यू में नियमित पदों के सृजन से संवर्ग में स्टेगनेशन की स्थिति समाप्त हो जाएगी। यह बेहतर संवर्ग प्रबंधन के हित में होगा और इससे सेवा की दक्षता में सुधार आएगा। यह एक ऐसा नवोन्वेशी उपाय है, जिस पर कोई अतिरिक्त लागत नहीं आएगी, बल्कि इससे संवर्ग प्रबंधक के महती लाभ प्राप्त होंगे।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), आंध्र प्रदेश के लिए मूल वेतन 75,000/-+5000/- के विशेष भत्ते में निदेशक के एक पद तथा 10,000/- ग्रेड पे वेतन के साथ गैर-शिक्षण पदों (रजिस्ट्रार, पुस्तकालयाध्यक्ष तथा प्रधानाचार्य, छात्र गतिविधि व खेल (एस ए एस) अधिकारी के पदों के सृजन का अनुमोदन कर दिया है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान राष्ट्रीय महत्व के संस्थान है, जो इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सर्वोत्तम शिक्षण संस्थान माने जाते है और इन्होंने अपनी उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराएं हैं। निदेशक तथा तीन गैर-शिक्षण पदों अर्थात रजिस्ट्रार, पुस्तकालयाध्यक्ष और प्रधानाचार्य, छात्र गतिविधि व खेल (एसएएस) अधिकारी के लिए रोजगार के अवसर होंगे। वे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, आंध्र प्रदेश के संचालन के लिए उत्तरदायी होंगे, जिसे उच्च गुणवत्तापूर्ण तकनीकी जनशक्ति का निर्माण करना होगा, जो सम्पूर्ण देशभर में उद्यमियता व नौकरी के अवसरों का निर्माण करेगी।
आंध्र प्रदेश राज्य के विभाजन को भारत के राष्ट्रपति की 01 मार्च, 2014 को स्वीकृति प्राप्त हो जाने के फलस्वरूप मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 की सारणी 13 (शिक्षा) के अनुसार आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थाओं की स्थापना की है।