बिलासपुर–कांग्रेस कार्यालय में पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्ण की जयंती गरिमामय माहौल में मनायी गयी। कांग्रेसियो ने पूर्व राष्ट्रपति के जीवन पर प्रकाश डाला। उपस्थित सभी नेताओं ने पूर्व राषट्रपति को महान् दार्शनिक और राष्ट्र नायक बताया । कांग्रेस कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में महान् शिक्षाविद् सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सभी नेताओं ने श्रद्दा सुमन अर्पित किया। कार्यक्रम में नरेंद्र बोलर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जफ़र अली, जसबीर गुम्बर, हरीश तिवारी, चंद्रप्रकाश देवरस, शिवा मिश्र, चंद्रप्रदीप वाजपेयी, शैलेन्द्र जायसवाल, डॉक्टर तरु तिवारी, दीपक पाण्डेय.सुभाष सिंह ठाकुर.प्रेमदास मानिकपुरी विशेष रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरेंद्र बोलर और जफ़र अली ने कहा क़ि सर्वपल्ली राधाकृष्ण ने भारतीय राष्ट्रपति पद की गरिमा को उचाई दी है।उनकी बौद्धिक लोहा को दुनिया ने नमन किया है। उन्होने जहां भी काम किया..अपनी छाप को छोड़ा है। उन्हें देश के भविष्य को लेकर हमेशा चिंतन करते पाया गया। रूस में उन्हें स्टालिन ने जो सम्मान दिया उसे आज भी लोग सुनकर रोमांचित महसूस करते हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जसबीर गुम्बर ने कहा कि सर्वपल्ली देश के विरला महामानव थे। उन्होने करीब अस्सी विषयों में डॉक्टरेट किया। भारतीय दर्शन पर गहन चिंतन किया। ईस्ट और वेस्ट की स्टडी के बाद नया दर्शन दिया। उनकी गिनती ऐसे महामानवों में होती है जिन्होने कभी भी सफलता का पीछा नहीं किया। सफलता उनका पीछा करती थी। वे प्राध्यापक,कुलपति,शिक्षाविद,राजनयिक,उपराष्ट्रपति और भारत के सबसे ऊंचे पद राष्ट्रपति के पद को हासिल किया। उन्होने अपनी कार्यशैली ने कमोबेश सभी पदों को एक नई ऊंचाई दी। ऐसे बिरला महापुरूष को हम शत् शत् नमन करते हैं। उन्होने अपना सारा जीवन पढ़ने और पढ़ाने के अलावा देश की सेवा को खर्च कर दिया।
कार्यक्रम को कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल और वरिष्ट कांग्रेस नेता शिवा मिश्रा ने भी संबोधित किया। दोनों नेताओ ने कहा सर्वपल्ली को हम शिक्षक दिवस के रूप में याद करते है। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता पर सर्वाधिक काम किया। उन्होंने अपने जन्मदिन को शिक्षक के रूप में यादकरने को कहा था। शैलेन्द्र ने कहा की राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने अपने को शिक्षक कहलाना ज्यादा पसंद किया। वे बहुत बड़े विचारक थे। जब हमारे देश में शिक्षा का स्तर बहुत कम था उसी समय सर्वपल्ली ने शिक्षा आयोग का गठन कर शिक्षा को बहुआयामी और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। ऐसे महान् शिक्षाविद् को कांग्रेस पार्टी नमन करती है।
तरू तिवारी ने कहा कि सर्वपल्ली ही नहीं बल्कि भारत के सवा सौ करोड़ के आदर्श हैं। उन्होने अपने जीवन काल में देश को बौद्धिक सत्र पर जो ऊंचाई दी उसे हम कभी भूला नहीं सकते हैं।