कोई नहीं तोड़ पाया सीएमडी के सर्वाधिक लोकप्रिय अध्यक्ष मुंशीराम उपोवेजा का रिकार्ड

Chief Editor
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munsi ram  ०शशि कोन्हेर बात सत्तर के दशक की है..इस समय छात्र राजनीति कर रहे, छात्रों और छात्र नेताओं में से बहुतों को यह मालूम भी नहीं होगा कि मुंशीराम उपोवेजा नाम का जो शख्स, शहर की सबसे सुंदर और साफ सुथरी .जीत, टाकीज का मालिक है, वो कभी बिलासपुर का सर्वाधिक लोकप्रिय छात्र नेता हुआ करता था । छात्र संख्या और राजनीतिक रूप से रायपुर के दुर्गा कालेज का जैसा वजूद था, ठीक वैसा ही नाम बिलासपुर के सीएमडी अर्थात छितानी प्रसाद, मितानी प्रसाद दुबे कालेज का हुआ करता था । यहां के छात्र संघ अध्यक्ष की शान कुछ अलग ही हुआ करती थी । पूर्व सांसद और जनसंघ भाजपा के धाकड नेता स्वर्गीय निरंजन केशरवानी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय राजेन्द्र शुक्ला के अलावा बाद के सालों में सर्वश्री विजय पाण्डेय, राकेश शर्मा और राकेश तिवारी सरीखे, छात्र राजनीति में सक्रिय और सफल लोग सीएमडी कालेज छात्रसंघ के अध्यक्ष पद की शोभा बढा चुके हैं । ये सभी नाम बिलासपुर की छात्र राजनीति के कद्दावर नाम कहे जाते रहे हैं । लेकिन इसके बावजूद सत्तर के दशक में सीएमडी कालेज में श्री मुंशीराम उपोवेजा की लोकप्रियता का जो जलवा था वैसा न भूतो-न भविष्यति ….।

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बात 1971 से 1974 के बीच की है । तबश्री उपोवेजा ने सीएमडी कालेज छात्र संघ अध्यक्ष के पद पर लगातार तीन बार चुनाव जीतकर जो रिकार्ड बनाया उसे आज तक कोई छात्र नहीं तोड पाया । तीनों ही मर्तबे उन्होने बिलासपुर के तब के दिग्गज और एक से एक सुरेन्द्र नाथ झा, अरूण कोठारी और स्वर्गीय शोभालाल प्रजापति सरीखे कद्दावर लोगों को  परास्त किया । उनके अलावा सीएमडी ही क्यों ? प्रदेश के किसी भी कालेज में छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर कोई अकेला व्यक्ति लगातार तीन बार चुनाव नहीं जीत पाया । उस समय कालेज के विद्यार्थी दीवाने थे उनके ….। उनके खिलाफ सारे नेता एक हो जाया करते थे लेकिन मुंशीराम उपोवेजा को बार-बार सीएमडी छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीतने से उसके  बाद भी नहीं रोक पाते थे । उनके ही अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान बिलासपुर में मेडीकल कालेज खोलने के लिये शहर की सडकों पर जैसा ऐतिहासिक जुलूस निकाला गया था, उसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती । मेडीकल कालेज  के लिये चल रही हडताल के दौरान राघवेन्द्र हाल के कार्यक्रम में पधारे पांच-पांच मंत्रियों को छात्रों ने ऐसा खदेडा कि छात्रों के आक्रोश से बचने के लिये उन सभी को पीछे के दरवाजे से भागना पड गया ।

प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के जरिये होने वाले चुनाव में श्री उपोवेजा सबसे पहले 1971-72 में और उसके बाद लगातार 1972-73 व 73-74 में भी अध्यक्ष निर्वाचित हुए । उनके द्वारा छात्र और शहर हित के अनेक मुद्दों के लिये संघर्ष किया गया । एकाध बार उन पर हिंसक हमला भी हुआ लेकिन श्री उपोवेजा उसके बावजूद छात्रों के बीच  सक्रिय रहकर लोकप्रिय होते गये । लगातार तीन साल तक सीएमडी कालेज का अध्यक्ष निर्वाचित होने के कारण रविशंकर विश्वविद्यालय द्वारा श्रेष्ठ छात्र प्रतिनिधी घोषित कर उन्हे इसके लिये गोल्ड मेडल देकर सम्मानित भी किया गया । कहा जाता है कि छात्र-छात्राओं में सतत सक्रियता और भाषण देने की जबरदस्त कला के चलते वे कालेज में इतने खासे लोकप्रिय थे कि चुनाव के दौरान उनके खिलाफ लडने वाला कोई भी प्रत्याशी उनके पसंगे में भी नहीं आ पाता था ………..।

 

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