कोल इण्डिया लिमिटेड से अलग नहीं किया जाएगा सीएमपीडीआई

Chief Editor
2 Min Read

बिलासपुर । सीएमपीडीआई, एक मिनीरत्न कंपनी, कोल इण्डिया लिमिटेड का एक अभिन्न अंग है एवं इसे कोल इण्डिया लिमिटेड से अलग नहीं किया जाएगा। सीएमपीडीआई कोयला-उत्पादक कंपनियों के लिए मार्गदर्शक की भुमिका निभाता है और 2023-24 तक कोल इण्डिया लिमिटेड के एक बिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हसिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कोल इंडिया ने यह स्पष्ट करते हुए कहा है कि सीएमपीडीआई ने, वर्ष 2019-20 में, 292 वर्ग किमी के क्षेत्र में विस्तृत अन्वेषण किया एवं 25 जिओलोजिकल रिपोर्ट तैयार किए। इस अध्ययन से 7.8 BT कोयला संसाधनों को कोल इण्डिया लिमिटेड से जोड़ा। इसके अलावा सीएमपीडीआई ने 140 वर्ग किलोमीटर का अन्वेषण कर 6 जियोलॉजिकल रिपोर्ट बनाएं । इसके आधार पर 9.75 बिलियन टन कोयला संसाधन अनुमानित है। सीएमपीडीआई ने वर्ष 2019 20 के दौरान विस्तृत अन्वेषण में 12.94 लाख मीटर ड्रिलिंग की एवं क्षेत्रीय अन्वेषण में 1.16 लाख मीटर की ड्रिलिंग की है। इसी वर्ष में 178 मिलियन टन संसाधनों को जोड़ने के लिए 32 प्रोजेक्ट रिपोर्ट सीएमपीडीआई द्वारा बनाए गए। साथ ही फिर्स्ट माईल कनेक्टिविटी के 35 प्रोजेक्ट में तकनीकी कंसल्टेंट के रूप में सीएमपीडीआई की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
सीएमपीडीआई का कॉरपोरेट कार्यालय राँची में स्थित है। इसके सात क्षेत्रीय संस्थान है जो अपने विभिन्न क्षेत्रीय इकाइयों एवं गवेषण कैम्पों के साथ आसनसोल, धनबाद, राँची, नागपुर, बिलासपुर, सिंगरौली तथा भुवनेश्वर में स्थित है। सीएमपीडीआई यथा-खनिज, गवेषण, खनन, इंजीनियरिंग, पर्यावरण प्रबंधन तथा देश के खनिज, खनन, एवं संवर्गी सेक्टरों के प्रबंधन प्रणाली के लिए परामर्श तथा अवलंब (सपोर्ट) कार्य करता है। साथ ही कोयला मंत्रालय तथा प्लानिंग कमीशन को राष्ट्रीय स्तर पर कोयला क्षेत्र से संबंधित अतिमहत्वपूर्ण निर्णय लेने में सहायता करता है। सीएमपीडीआई भारत सरकार के पक्ष में एक नोडल एजेंसी एवं सीआईएल के अंर्तगत कोयला उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए उनके एक अभिन्न अंग के रूप में घरेलू योजना बनाने तथा मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है।

Join Our WhatsApp Group Join Now
close