खेती को भी कौशल विकास से जोड़ने की जरूरत

Chief Editor
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niti ayog

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रायपुर । नीति आयोग के उप समूह के संयोजक और पंजाब के मुख्यमंत्री  प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि कौशल उन्नयन के लिए कृषि और अन्य सहयोगी क्षेत्रों को जोड़ने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को जोड़कर उनका कौशल उन्नयन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मनरेगा श्रमिकों को भी कौशल विकास से जोड़ना चाहिए। सभी राज्यों में दूसरे राज्यों के कुशल युवाओं द्वारा उत्पादित वस्तुओं का स्टॉल लगाना चाहिए। श्री बादल ने रविवार को यहां नया रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित नीति आयोग के  उप समूह की तीसरी बैठक में यह विचार व्यक्त किए। बैठक में पंजाब, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिसा, मेघालय, गोवा और तमिलनाडू के प्रतिनिधि शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बैठक में कहा कि हमने छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों में लाईवलीहुड कॉलेज खोले हैं। अब इन्हें विकासखंड स्तर तक ले जा रहे हैं। इन क्षेत्रों के युवाओं को सही मार्गदर्शन के साथ मनपंसद का रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए कैरियर मेले भी आयोजित किए जा रहे हैं। हम अब लाख उत्पादन का भी प्रशिक्षण दे रहे हैं। सभी 27 लाईवलीहुड कॉलेजों के लिए 190 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा है। एक केन्द्र के लिए 5 से 10 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा है और अब हम निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से तालमेल कर काम कर रहे हैं और उनकी सीएसआर की राशि अब प्रशिक्षण के लिए लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हमंे युवाओं के कौशल विकास के लिए हर साल ढाई सौ से तीन सौ करोड़ रूपए की आवश्यकता है। इसके लिए संसाधन विकसित करने के साथ ही केन्द्र की मदद की भी जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कौशल विकास के लिए अधिनियम बनाकर कानूनी अधिकार दिया गया है। उन्होंने अन्य राज्यों में भी इस तरह का कानून बनाने का सुझाव दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ में खनिज और औद्यौगिक गतिविधियां हो रही है, उनमें हम युवाओं को टेªनिंग दे रहे हैं। आने वाले समय में 40 हजार स्किल्ड युवाओं की जरूरत है। इसलिए हम स्थानीय स्तर पर युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं। कृषि और उद्यानिकी को भी इसमें जोड़ रहे हैं। एक ही छत के नीचे मल्टी स्किल्ड टेªनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।
गुजरात की मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा कि हम युवाओं के लिए असंगठित क्षेत्र  में भी काम कर रहे हैं। इसलिए हमने प्रशिक्षण देने के लिए अनेक संस्थाओं से करार किया है और उन्हें प्रशिक्षण के लिए आईटीआई की सुविधा दी है। निजी क्षेत्र में आरक्षण देकर निःशक्तों को भी हम प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि जो युवा स्किल्ड हैं, उन्हें औपचारिक शिक्षा से जोड़ना चाहिए। छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा मंत्री  प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि राष्ट्रीय कौशल विश्वविद्यालय खोलने की पहल होनी चाहिए, जिसका पाठ्यक्रम सभी राज्यों के लिए एक जैसा हो।  ओडिशा के तकनीकी शिक्षा मंत्री  संजय कुमार दास वर्मा ने आधुनिक कौशल प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
तमिलनाडू के स्किल्ड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक ने बताया कि तमिलनाडू में राष्ट्रीय कौशल विकास योजना के तहत फिल्म विकास निगम और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को जोड़ा है। गोवा के तकनीकी शिक्षा सचिव  वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि गोवा में केटरिंग और पर्यटन को जोड़कर युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नीति आयोग की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री सिंधुश्री खुल्लर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन के माध्यम से युवाओं का कौशल विकास का अच्छा कार्य हो रहा है, ऐसा अन्य राज्यों में भी होना चाहिए। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव  विवेक ढांड ने लघु वनोपज के प्रसंस्करण में युवाओं को प्रशिक्षित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के युवाओं को लाईवलीहुड कॉलेजों में आवास की व्यवस्था करने का सुझाव दिया।
बैठक में पंजाब के मुख्य सचिव  सर्वेश कौशल, छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त मुख्य सचिव  एन. बैजेन्द्र कुमार,, गुजरात के प्रमुख सचिव  संजय प्रसाद, मेघालय के प्रमुख सचिव  एम.एस. राव, छत्तीसगढ़ की तकनीकी शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती रेणु पिल्लई, गोवा के तकनीकी शिक्षा सचिव  विरेन्दर कुमार, तमिलनाडू के कौशल विकास सचिव  सी. समयामूर्ति, नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव आलोक कुमार  सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
 

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