(प्राण चड्डा)”हर साल बढ़ती गर्मी और नवतपा पर पारा 47 डिग्री सेल्सियस पर बिलासपुर में पहुंचा और इसके करीब थिरकता रहा.राजघानी रायपुर अब बिलासपुर से तापमान और गंदगी में बिलासपुर से पीछे है..!
जब शहर के छायादार पेड़ को सामूहिक हत्या की गई तभी मीडिया ने इसे पर्यावरण के साथ खिलवाड़ निरूपति किया गया था..आज सामने है..फिर इन पेड़ो की क्षतिपूर्ति के नाम पर ‘फाक्स टेल्ड’ पेड़ जो लगाये गए उनका हाल पहली फोटो में दिख रहा है.।ये फोटो अरपा नदी की जमीन पर विकसित चौपाटी के करीब की है ,,अरपा पुराने पुल के पास सूखी है तो अपोलो के करीब पुल जहाँ शीतकाल में गन्दला पानी भरा रहा था वहां अब जलकुम्भी के कारण ‘हरी-भरी’..!
कुछ तो करना होगा इस बिगडती दशा से निपटने के लिए, जैसे NTPC के सीपत प्लांट से शहर तक सारी सरकारी जमीन पर इस बरसात में पेड़ लगाये जाये..!
शहर के सारे तालाबो को कब्ज़ा मुक्त कर रायपुर के समान विकसित किया जाये,, कर्बला और तालापारा के तालाब को पहले हाथ में लिया जाये, जितनी रिंग रोड, बायपास हैं उनके किनारे विविध पेड़ इस बारिश में .. शहर के करीब खेतों में कालोनी बन गई हैं..
यहाँ की सडकों पर आकाशनीम,जामुन,आम,पीपल,गुलमोहर,अमलतास, कचनार के पेड़ लगाये जा सकते हैं.ये काम जनभागीदारी से हो सकता है पर पहल करें कौन नेता, अधिकारी ..ये सवाल नहीं पर जो करे इस सीजन में है,,और हाँ पेड़ वनविभाग और कृषि विभाग से लेवें,,नर्सरी से न लें तो रकम बचेगी ,,