क्वारेंटीन भेजे गए 2 दर्जन कोरोना संदेही..प्रशासन हुआ सख्त..कोटवार और वालेंटियर को होम-आइसोलेशन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—– मुंगेली जिले के लालपुर थाना क्षेत्र से दो दर्जन लोगों को देर रात पकड़कर क्वारंटीन में रखा गया है। बताया जा रहा है कि इनका सम्पर्क कटघोरा स्थित कोरोना पाजीटिव मरीज से हुआ था। कटघोरा मे पाजीटिव मरीज के पाए जाने के बाद मुंगेली जिला प्रशासन ने लालपुर थाना क्षेत्र प्रतापपुर गांव के दो परिवार के करीब डेढ़ दर्जन सदस्यों समेत दो दर्जन से अधिक लोगों को  मुंगेली स्थित क्वारेंटीन सेन्टर में कैद कर दिया है।
 
                मुंगेली जिला प्रशासन को कोटवार और वालेंटियर से जानकारी मिली कि बिलासपुर से 7 अप्रैल की रात्रि चार लोग प्रतापपुर आए है। चारो ने प्रतापपुर में रहने वाले दो परिवार के सदस्यों के साथ दो दिनों तक रहे। इस दौरान उठना बैठना और खाना पीना भी हुआ। जानकारी के अनुसार जब प्रतापपुर कोटवार ने चारों से पहचान पत्र मांगा..तो चारों ने घर वालों के कोटवार को डांट डपटकर भगा दिया।
 
                      मामले की गंभारता को देखते हुए मुंगेली जिला प्रशासन के अधिकारी प्रतापपुर गांव पहुंच गए। इस दौरान अधिकारियों को खबर हुई कि चार में से एक सदस्य कटघोरा में कोरोना पाजीटिव मरीज के सम्पर्क में था। तीन अन्. सदस्यों के साथ प्रतापपुर आया। कोटवार की तरफ से पूछताछ करने पर चारो दूसरे दिन फरार हो गए।
  
                  जांच पड़ताल में अधिकारियों को जानकारी मिली कि प्रतापपुर से फरार सभी चारो को बिलासपुर में तालापारा से पकड़ा लिया गया। इसके बाद प्रतापपुर स्थित चार पांच परिवार के सदस्यों को प्रशासन ने क्वारंटीन में जाने को कहा। परिवार समेत अन्य रिश्तेदारों ने क्वारंटीन जाने से साफ मना कर दिया। बाद में पुलिस और प्रशासन की सख्ती के सामने सबको क्वारंटीन जाने के लिए मानना ही पड़ा।
       
                          बीती देर रात्री मुंगेली प्रशासन ने एक ही परिवार के डेढ़ दर्जन से अधिक सदस्यों के अलावा कुल 24 लोगों को एम्बुलेंस में बैठाकर मुंगेली स्थित कोरोना क्वारेंटीन सेन्टर लाया गया। इसके अलावा प्रतापपुर के कोटवार और अन्य चार वालेंटियरों को होमआइसोलेशन में भेज दिया गया है। 
      
                जानकारी मिल रही है कि प्रशानिक कार्रवाई के दौरान विरोध करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करना का मन बनाया है। सूत्रों की माने तो प्रतापपुर गांव को पूरी तरह से क्वारंटीन किए जाने का फैसला जिला प्रशासन कर सकता है।
 
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