सरगुजा-देश में लागू लॉकड़ाउन के कारण अन्य प्रदेशों के श्रमिक छत्तीसगढ़ से पैदल अपने घर जा रहे एवम् अन्य प्रदेशों से आए छत्तीसगढ़ के लोगों को रखने के लिए शासन द्वारा प्रत्येक तहसील में क्वारांटाइन सेंटर बनाया गया है.इसी तारतम्य में सरगुजा जिले के अन्य तहसीलों की तरह मैनपाट तहसील के क्वारंटाइन सेंटर में तहसील कार्यालय द्वारा वहां के स्थानीय शिक्षकों कि ड्यूटी लगाई गई है. जबकि इस तरह की ड्यूटी शिक्षकों में संक्रमण का खतरा हो सकता है.जो शिक्षकों व उनके परिवारजनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव मिश्रा ने कहा कि एक ओर “पढ़ाई तुहर दुवार” के तहत शिक्षक प्रदेश के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
साथ ही जिनकी ड्यूटी क्वारेंटाइन सेंटर में लगाई गई है उनका शासन की तरफ से किसी प्रकार का बीमा कवर नहीं है. अतः ऐसी स्थिति में शिक्षकों को इस प्रकार का ड्यूटी लगाना सरासर गलत है . यदि भविष्य में किसी भी शिक्षक के साथ कोई अनहोनी होती है . तब समस्त जवाबदेही शासन प्रशासन की होगी.ऐसी स्थिति में हमारा संगठन शिक्षकों के प्रति ऐसी उदासीनता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा और मजबूरन उग्र आंदोलन करने हेतु बाध्य होगा.ऐसे संकट की स्थिति में हम ऐसे ड्यूटी का कतई विरोध नहीं करते.लेकिन शासन प्रशासन से मांग करते हैं कि पहले शासन संबंधित शिक्षकों का अन्य कोरोना वारियर्स की भांति 50 लाख का बीमा कवर प्रदान करे तत्पश्चात ऐसी सेवाओं में ड्यूटी लगाए।