खूँटाघाट से रतनपुर हनुमान के दर्शन

Chief Editor
3 Min Read

 

Join Our WhatsApp Group Join Now

hanumanji 1

बिलासपुर । जिले में दो मशहूर स्थान हैं। एक महामाया की नगरी – रतनपुर और एक है खूंटाघाट बाँध….। दोनों एक ही ओर हैं और रतनपुर से खूँटाघाट की दूरी महज सात किलोमीटर है…।यानी सड़क होकर रतनपुर से खूँटाघाट जाना हो तो करीब सात किलोमीटर का फासला तय करना पड़ेगा…। दोनों के बीच हवाई दूरी कम ही है…। फिर भी दोनों जगह को बीच दूरी तो है..।

BACK_VIEWJUNE6

और इतने भी करीब नहीं है कि कोई अगर खूँटाघाट बाँध के डाकबंगले से  रतनपुर की ओर देखे तो उसे यह पुराना शहर दिखाई देने लगे..। लेकिन बिलासपुर के नौजवान फोटोग्राफर श्रीयम् मिश्रा ने जब   डाक बंगले पर खड़े होकर पने कैमरे पर क्लिक किया तो रतनपुर की तस्वीर भी कैमरे मों कैद हो गई।जी हां सूरज ढलने के समय की गई इस फोटोग्राफी के दौरान सूरज के साथ ही रतनपुर में बनीं हनुमान जी की मूर्ति भी देखी जा सकती है।यह मूर्ति कुछ समय पहले ही लखनी देवी मंदिर के ऊँचे  पहाड़ पर बनाई गई है। इसके लोकेशन ऐसा है कि रतनपुर के काफी दूर से ही बजरंगबली के दर्शन होते हैं। लेकिन खूँटाघाट पर खड़े होकर अगर यह तस्वीर मिल जाए तो यह किसी भी फोटोग्राफर को रोमांच से भर देने वाला लम्हा होगा। जिसे श्रीयम् ने उस वक्त महसूस किया। शौकिया तौर पर कैमरे को अपना संगी बनाने वाले श्रीयम् की नजरें ज्यादातर नेचर से जुड़े नजारे पर रहती है और कोशिश यही रहती है कि कोई अनूठा नजारा उनके कैमरे में कैद हो। खूँटाघाट से रतनपुर के बजरंगबली मंदिर की तस्वीर अपने कैमरे में कैद कर उन्हे भी रोमांच का अनुभव हुआ और सीजीवाल के जरिए अपने इस अनुभव को पाठकों से शेयर करना चाहते हैं।

श्रीयम् बताते हैं कि यह फोटो लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी वे कई बार खूँटाघाट और रतनपुर गए। सही सिचुएशन पाने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा।कभी मौसम की गडड़बड़ी की वजह से तो कभी सूरज बादलों से ढक जाने की वजह से तस्वीर नहीं मिल पा रही थी। लेकिन सब्र के साथ एक दिन कामयाबी मिल गई।

close