रायगढ़ । समग्र शिक्षा अभियान के तहत खेल सामानों की खरीदी में बड़े पैमाने पर घपलेबाज़ी की खबर मिल रही है। इस अभियान के तहत सभी स्कूलों में खेलों क़ो बढ़ावा दिया जाना था। 25 हजार के खेल सामग्री की खरीदी अंबिकापुर की फर्म से की जा रही है। जहां पर खेल सामग्रियों की बिलिंग आठ से दस गुना अधिक दाम पर की जा रही है । दिलचस्प तो यह है कि उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के गृह ग्राम नंदेली के स्कूल में 50 रुपए की टेनिस बाल 110 रुपए में बेची गई है। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे
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सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे केंद्र सरकार द्वारा समग्र विकास योजना के तहत खेलगढीया के नाम पर प्राथमिक स्तर से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूलों में खेल को प्रोत्साहित करने करोड़ो रुपए की राशि राज्य सरकार को दी गई है । हायर सेकेंडरी स्कूलों में 25 हजार रुपये, माध्यमिक स्कूलों क़ो 10 हज़ार और उच्चतर माध्यमिक स्कूल में 5 हज़ार की राशि प्रति स्कूल दी गयी है । पिछले वर्ष भी इसी तरह राशि दी गयी थी। तब राजनीतिक रूप से संरक्षण प्राप्त लोगो द्वारा जशपुर जिले में दबाब डाल कर बाहरी फर्मो द्वारा कोटेशन ओर बिल स्कूलों में छोड़ दिया गया था। जिसमे जम कर बवाल मचा था । ऐसा कुछ नजारा अब रायगढ़ जिले में देखने को मिल रहा है।
रायगढ़ जिले के नंदेली ओर कोतरा हायर सेकेंडरी स्कूलों में सैनी ब्रदर्स नामक फर्म अम्बिकापुर के द्वारा दिये गए बिल से साफ़ ज़ाहिर होता है कि उक्त योजना की राशि पर सत्ता से जुड़े नेताओं की तिरछी नजर पड़ चुकी है और अधिकारियों पर दबाव बना कर व्यक्ति विशेष फर्म से खरीदी करने दबाव बनाया जा रहा है । बिल बिल देखने से साफ़ पता चलता है कि कैरम बोर्ड जो 1 हजार से कम की मत पर मिलता है ,उसे 3 हजार में खरीदा जा रहा है । रायगढ़ जिले में स्पोर्ट्स ओर स्टेशनरी की बड़ी दुकानों के होने के बाद भी तीन सौ किलोमीटर दूर अम्बिकापुर की एक फर्म विशेष से मात्र 25 हजार की खेल सामग्री की खरीदी स्पष्ट बताता है कि प्रचार्यो पर किस कदर दबाव बनाया जा रहा है । इतना ही नहीं बाजार से 10 गुना अधिक दर पर खरीदी की जा रही है । खरीदी फुटबाल कास्कौ 900 रुपए लिखा गया है । जो कि 500 रुपए के अन्दर ही खरीदा जाता है । जिसे 900 का बिल दिया गया है । सभी सामग्रियों के रेट का आकलन किया जाए तो समझा जा सकता है कि जमकर भ्रष्टाचार हुआ है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यहाँ के प्रचार्य तीन सौ किलोमीटर दूर जाकर कैसे खरीदी कर रहे है । मार्गदर्शी निर्देश के बिंदु 1 में स्पष्ट उल्लेख है कि स्थानीय स्तर और क्रय करें। जबकि रायगढ़ के स्कूल अपने आस – पास के हजारों दुकानों को छोड़ कर अंबिकापुर से खरीदी की ज़ा रही है।फर्म द्वारा स्कूलों में दिये गये बिल में डेट भी अंकित नही किया जा रहा है और ना ही जीएसटी लगाया जा रहा है । सरकार को भी लाखों रुपये का चूना लगाने की तैयारी की जा रही है। विक्की का टेनिस बाल ज़िसका खरीदी 50 रुपए में की जाती है वह 110 रुपए में खरीदा जा रहा है। क्रिकेट के टेनिस बैट 300 से 500 तक आ जाते है ।उसे 900 रुपए तक प्रदान किया जा रहा है।
अंबिकापुर से सामान खरीदने में क्यों रुचि ले रहे है प्राचार्य
नियम एवम शर्तों में स्पष्ट वर्णित है कि अपने पास के स्कूलों से सामग्री क्रय कर सकते है । पर प्राचार्य अंबिकापुर के दुकानों से क्यों क्रय कर रहे है …..समझ से परे है। नंदेली का स्कूल इसका साक्षात उदाहरण है। रायगढ़ में भी स्पोर्ट्स सामग्री की दुकानें हैं। जहां से आसानी से ये सामान क्रय किए जा सकते है। कुछ प्राचार्य ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि इस खरीदी हेतु उन पर शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी दबाव बना रहे है।