बिलासपुर। ट्रेड युनियन कौंसिल की ओर से हर साल की तरह इस साल भी मई दिवस जोश-खरोश के साथ मनाया गया।सैकड़ों का तादात में राज्य सरकार के कर्मचारी , बैंक, बीमा, डाक,बिजली, आयकर , रेल, बीएसएनएल,एमआर सहित एटक, सीटू,एसएफआई,खेत मजदूर झुग्गी झेपड़ी के साथी राघवेन्द्र हाल परिसर से गोलबाजार तक रैली निकालकर वापस राघवेन्द्र हॉल पहुंचे और एक सभा आयोजित की।
सभा मे साथियों ने देश में जुमलों की राजनीति से सावधान रहने की चेतावनी देते हुए इस बात की ओर इंगित किया कि आज सरकार देश के मेहनतकशों की मूल जरूरत को पूरा करने की बजाय कभी स्वच्छता अभियान तो कभी नोटबंदी , तो कभी डिजिटलाइजेशन, अँधराष्ट्रवाद का नारा उछालतक भटका रही है। दवा प्रतिनिधियों ने बताया कि जेनेरिक दवाओँके नाम पर लोगों को भटकाया जा रहा है।मूल सवाल यह है कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जनता को मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध कराए।इसी तरह देश में ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री पद दिए जा रहे हैं, जिनका पिछला इतिहास गैर राजनैतिक , जनविरोधी चरित्र वाला रहा है।
देश की मूल समस्या ,बढ़ती बेरोजगारी,सामाजिक- आर्थिक विषमता, साम्प्रदायिक जाति विभाजन,सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण आदि है।जिनका हल पूंजीवादी साम्राज्यवादी व्यवस्था को खत्म करके ही किया जा सकता है।परन्तु पूंजीवाद- साम्राज्यवाद की चाकर यह सरकार देश की जनता, मेहनतकशओं , किसानों मजदूरों के खिलाफ साजिश के तहत खोखले नारे उछालकर जनता का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाना चाहती है।परन्तु जनता भी सरकार की चालबाजी को समझ रही है।मई दिवस हमें अपनी एकता , संघर्ष और वैचारिक दिशा तय करने का एक अवसर है। हमें मेहनतकशों की राजनीति करने की जरूरत है।मेहनतकशों को संगठित होने उनको प्राप्त अधिकारों को छीनने की कोशिशों का पुरजोर विरोध करना होगा।
सभा की अध्यक्षता कामरेड पी आर यादव ने की और संचालन राजेश शर्मा कर रहे थे। सभा को नंद कश्यप, महेश श्रीवास, कालेश्ववर सिंह, अनुपम उपाध्याय, जी आर चँद्रा,राजेश गुरबद्वान, एच के मेघमाला, आर के मिश्रा ने संबोधित किया। सभा में रवि बनर्जी, नारायण चौधरी, विजय पटेल, विक्रात शर्मा, सुखाऊ निषाद, रवि श्रीवास, रामकुमार यादव, किशोर शर्मा, पवन शर्मा, जगत मिश्रा, जी आर पटेल, बल्लू दुबे, देवांशु पाल, राजकुमार यादव, मनोजित डे सहिक बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।