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बिलासपुर।प्रदेश के कुछ जिलो के अधिकारियों ने शिक्षा विभाग के ग्रीष्मकालीन अवकाश पर अपने विवेक से गर्मी की छुटी पर ऐसा सर्जिकल स्ट्राइक किया कि शिक्षक, छात्र और पालक क्या करे क्या न करे कि स्थिति में है। सबसे मजेदार बात यह है कि शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मकालीन अवकाश में स्कूलों में अध्ययन या समर कैम्प आयोजित करने को कहा हो ऐसा कोई आदेश भी नही है।सीजीवालडॉटकॉम के Whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
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मामला खुद शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के संज्ञान में है। उसके बाद भी शिक्षा विभाग मे अधिकारी प्रयोग पर प्रयोग किये जा रहे है। सूत्रों की माने तो जिस जिले के स्कूलों का परिमाण खराब रहेगा वहाँ ग्रीष्मकालीन अवकाश निरस्त कर गर्मी में शाला संचालन भी हो सकता है ।
कुछ अधिकारियों ने इस बारे में जिला स्तर के शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारीयो को मौखिक निर्देश भी दिए है बरहाल 10 वी और 12 वी के परीक्षा के परिमाण का इंतजार है। ग्रीष्म काल मे शाला संचालन ने किसे फायदा किसे नुकसान होगा यह तो नीतिकारों को तय करना होगा पर इन सबका व्यापक विरोध चारो ओर सुनाई पड़ रहा है।
ऐसा लग रहा है कि शिक्षक नेताओ में अपना विरोध तो दर्ज कर कर खानापूर्ति सी कर दी है।इधर आम शिक्षक तय नही कर पा रहा है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश पर सरकार के अफसरों की ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक से हासिल क्या होगा…? सारे मामले में असल जड़ तो सबको पास करने की नीति है।
इस बात को अफसर समझ क्यों नही रहे और सरकार को समझा क्यो नही पा रहे है ये चिंता और चर्चा का का विषय है। क्या ये मान लिया जाए कि अफसरों को शिक्षा विभाग मे ग्राउंड लेवल को मजबूत करने की जरूरत है।