बिलासपुर—जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बढ़ते बिजली संकट का समाधान अधिकारियों.कर्मचारियों पर बिजली गिराने से नहीं बल्कि बिजली पैदावार बढ़ाना से होगा। पिछले 15 सालों में क़रीब 4 लाख करोड़ रुपए के निजी बिजली कम्पनियों के साथ काग़ज़ों में एमओयू करने के बावजूद रमन सरकार धरातल पर बिजली उत्पादन नहीं बड़ा पायी।
अमित जोगी ने बताया कि पिछले 15 सालों में क़रीब 4 लाख करोड़ रुपए के निजी बिजली कम्पनियों के साथ काग़ज़ों में एमओयू किया गया है। लेकिन रमन सरकार धरातल पर बिजली उत्पादन नहीं बड़ा पाई। जांजगीर के मड़वा में एकमात्र बिजली प्लांट 15 सालों में बनाया गया। निर्माण में इतना ज्यादा भ्रष्टाचार और विलम्ब हुआ कि कि प्लान्ट से पैदा होने वाली बिजली 11 प्रति यूनिट की दर से दुनिया की सबसे महँगी है। सच्चाई तो यह है कि मड़वा में बिजली उत्पादन बंद कर देने. और दूसरी जगह से बिजली ख़रीदने. से सरकार और जनता को कम नुक़सान होगा। हमारे प्रदेश में कोयला का अपार भंडार है। अगर सरकार की नीयत और नीति सही रही. तो विश्व की सबसे सस्ती बिजली छत्तीसगढ़ में पैदा हो सकती है।
जोगी ने बताया कि वर्तमान सरकार से बिजली उत्पादन में बढ़ौतरी की अपेक्षा नहीं की जा सकती। क्योंकि छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है। ऐसे में बिजली कटौती का उपाय बिजली विभाग के कनिष्ट अधिकारियों पर बिजली गिराना ठीक नहीं है।