गुणों का खजाना मुनगा और उसकी पत्तियां…अपोलो आहार विशेषज्ञ ने बताया…गर्भवती महिलाओं में लाभदायक

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— तेजी से जलवायु परिवर्तन के दौर में खान पीन में सावधानी की सख्त जरूरत है। दुनिया भीर में चिकित्सा पद्धति में रोज नये प्रयोग हो रहे हैं। इसी श्रृंखला में अपोलो अस्पताल बिलारपुर में भी खान पीन को लेकर मुनगा और मुनगा के पत्तों से बने भोज्य पदार्थों की प्रदर्शनी लगाई गयी। प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
              अपोलो अस्पताल में खान पीन को लेकर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। अस्पताल की डाईटिशियन्स नें मुनगा और मुनगे के पत्तों से बनें व्यंजनों का प्रदर्शन किया। मुनगा के सेवन से होने वाले फायदों की विस्त्तार से जानकारी दी। इस दौरान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। निर्णायक मंडल में डाॅ सुशील कुमार वरिष्ठ चिकित्सक शिशु रोग, डाॅं इंदिरा मिश्रा वरिष्ठ चिकित्सक शिशु रोग, डाॅं रश्मि शर्मा वरिष्ठ चिकित्सक स़्त्री रोग, डाॅ कविता बब्बर वरिष्ठ चिकित्सक स़्त्री रोग विशेष रूप से मौजूद थीं।
                           प्रतियोगिता के दौरान गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं, लैक्टेटिंग मां, छः महीने के शिशिओं के खानपान में सावधानी बरतने की सलाह दी। आहार विशेषज्ञों ने बताया कि खान पीन में सावधानी से ही शरीर को बेहतर और स्वस्थ्य रखा जा सकता है। प्रदर्शनी के दौरान लोगों के बीच पाम्पलेट भी बांटे गये।
                   प्रदर्शनी के बारे में अपोलो की मुख्य आहार विशेषज्ञ व्ही.चम्पा मजुमदार ने जानकारी दी कि अपोलो अस्पताल में राष्ट्रीय आहार एवं पोषण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में लोगों के बीच मुनगा और मुनगा के पत्तों से बने भोज्य पदार्थों के बारे में जानकारी दी गयी है। मुनगा और उसके अन्य उत्पाद में हाई कैल्सियम, आयरन और सभी प्रकार के खनिज लवण पाये जाते हैं। मुनगा जच्चा बच्चा के लिये अत्यंत लाभदायक होता है।
                                        एक सितंबर से सात सितंबर के तक चलने वाले राष्ट्रीय आहार एवं पोषण सप्ताह के सफल आयोजन में डायटिशियन एलिजाबेथ मिंज,तंजील अंसारी, एस. मोनिका, सीमा कौशिक, अनिता पटेल, नेहा नेमा, डायटिशियन इंटर्नस और इंडियन हार्हटेटिक्स एशोसिएशन के सदस्यों का भूमिका रहा। सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रमों का संचालन सुमना चौधरी ने किया।
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