बिलासपुर—गौरव पथ निर्माण के समय बिलासपुर में पदस्थ चार आयुक्तों के खिलाफ जांच होगी। इनमें तीन प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी शामिल हैं। मंत्री ने चारों अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुशंसा की है। दोषी पाए जाने पर चारों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया जाएगा।
राज्य शासन ने आज गौरव पथ मामले में हाईकोर्ट में शपथ पेश किया है। गौरव पथ मामले में अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी। करीब पांच साल पहले डिफेंस ऑफिसर वेलफेयर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका में सीवरेज की खुदाई, सड़को की खराब हालत, मवेशियों से हादसे की आशंका, फुटपाथ पर बेजा कब्जा समेत अन्य अव्यवस्था को दूर करने शासन को निर्देश देने की मांग की थी।
सुनवाई के दौरान ही सामाजिक कार्यकर्ता मणिशंकर पांडेय ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर महाराणा प्रताप चौक से मंगला चौक तक 13 करोड़ की लागत से बनाई गई सड़क – गौरव पथ में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। पाण्डेय ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जुलाई में मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता और पी सेम की डबल ने 13 अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।