ग्यारह हजार किसानों को न्यूनतम दर पर मिलेंगे सोलर सिंचाई पम्प

Shri Mi
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1805ccरायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में किसानों और ग्रामीणों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने केबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। डॉ. सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धारा 21 के अर्न्तगत कम्बाईण्ड हार्वेस्टर वाहन को कर में छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।राज्य में वर्तमान में 660 हार्वेस्टर हैं। खेती में इनका उपयोग लगातार बढ़ रहा है। हर साल लगभग 150 नये हार्वेस्टरों की खरीदी होती है। इसलिए खेती के आधुनिकीकरण और किसानों की सुविधा की दृष्टि से यह निर्णय काफी महत्वपूर्ण है। इससे राज्य में उन्नत खेती को बढ़ावा मिलेगा। इस वाहन पर वर्तमान में प्रति तिमाही 2900 रूपए का कर देय होता है, जिस पर पूर्णतः छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।

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                             मुख्यमंत्री ने बताया कि आज की बैठक में ग्रामोद्योग नीति 2016-2021 का अनुमोदन किया गया । अनुमोदित नीति में ग्रामोद्योग से जुड़े समस्त व्यवसायों के माध्यम से राज्य में लगभग 07 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। नवीन ग्रामोद्योग नीति के क्रियान्वयन से आगामी पांच वर्षों में कारीगरों एवं शिल्पियों विशेषकर कमजोर वर्गों और महिलाओं को सतत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

                             खादी एवं ग्रामोद्योग के अन्तर्गत वर्तमान में 35000 यूनिटों के माध्यम से 1.15 लाख लोगों को रोजगार मिलता है, जिसे बढ़ाकर 50000 इकाई और 02 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य होगा। प्रतिवर्ष लगभग 60 करोड़ रूपए के रेशम वस्त्रों का निर्यात होता है, जिसे बढ़ाकर 100 करोड़ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रेशम उद्योग के माध्यम से राज्य में वर्तमान में एक  लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध होता है, जिसे बढ़ाकर 3 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। रेशम उद्योग में लगभग 20 करोड़ पालित/नैसर्गिक ककून और 350 मीटरिक टन वार्षिक कोसा धागा उत्पादन में वृद्धि कर 1200 मीटरिक टन कोसा धागा उत्पादन का लक्ष्य है।

                           हस्तशिल्प उद्योग में प्रतिवर्ष 20 हजार लोगों को रोजगार मिलता है, जिसे बढ़ाकर नई नीति में 70 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने बताया कि माटी शिल्प  में प्रतिवर्ष राज्य के 12 हजार शिल्पियों को रोजगार मिलता है, जिसे नई ग्रामोद्योग नीति में बढ़ाकर 20 हजार शिल्पियों को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने बताया कि अनुमोदित ग्रामोद्योग नीति के अनुसार राज्य में ग्रामोद्योग उत्पादों के डिजाईन, गुणवत्ता, मूल्य अभिवृद्धि हेतु राष्ट्रीय संस्थाओं-निफ्ट, टेक्सटाईल कमेटी, एन.आई.डी. आदि संस्थाओं की स्थापना का प्रयास किया जाएगा। राज्य के 60 वर्ष से अधिक उम्र के शिल्पियों/कारीगरों को मासिक आर्थिक सहायता देने का प्रयास किया जाएगा। परम्परागत शिल्पकारों के बच्चों को शिल्प डिजाईन की उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय संस्थानों में अध्ययन हेतु सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।

     मुख्यमंत्री ने बताया कि केबिनेट की आज की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार सिंचाई में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य में ग्यारह हजार सोलर पम्पों की स्थापना की जाएगी। इसके लिए कृषक ज्योति योजना और पम्पों के ऊर्जीकरण की योजना हेतु जारी विभागीय दिशा निर्देशों में संशोधन का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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