घर के चिराग ने ही जलाया घर…सत्यनारायण

BHASKAR MISHRA
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 IMG20161226123204बिलासपुर— आम जनता नोटबंदी अभियान से त्रस्त है। देश का एक-एक नागरिक भ्रष्टाचार का खात्मा चाहता है। लेकिन यह बर्दास्त नहीं है कि चंद लोगों के लिए पूरे देश को बेइमान घोषित कर दिया जाए। लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कालाधन का हौवा फैलाया गया। इसके बाद जनता को सड़क पर खड़ा कर दिया गया । केन्द्र सरकार ने देश के ईमान को दांव पर लगा दिया है। बिना प्लानिंग के नोटबंदी अभियान देश की अर्थव्यवस्था को जमीन पर पटक दिया है। सरकार को नोट बदलने का अधिकार है..लेकिन किसी को अपना रूपया खर्च करने से रोका नहीं जा सकता है। किसान,व्यापारी सभी लोग परेशान है। नोटबंदी से सबसे ज्यादा परेशान भाजपा के नेता हैं। जो अकेले में कहते हैं कि हम लोग तबाह हो गए हैं। दरअसल घर के चिराग ने ही घर में आग लगा दिया है। यह बातें आज वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यनारायण शर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस भवन में कही। सत्यनारायण ने कहा कि तीस दिसम्बर को जनमानस के सहयोग से नोटबंदी के खिलाफ प्रदेश बंद किया जाएगा।

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                          पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सत्यनारायण ने कहा कि दुनिया की इकलौती सरकार है जो लोगों का रूपया तो जमा करवा रही है लकिन बैंक से नोट निकालने पर प्रतिबंध लगा दी है। नोटबंदी के करीब डेढ़ महीने बाद भी जनता की परेशानी कम नहीं हो रही है। सत्यनारायण ने कहा कि नोटबंदी के बाद चोरी बढ़ी है। अब कैशलेस की बात कही जा रही है। जनता की क्रय क्षमता में भारी गिरावट हुई है। क्रय शक्ति बढ़ती है तो विकास होता है। लेकिन विकास का पहिया पूरी तरह से थम गया है।

                                                प्रधानमंत्री कहते हैं कि बेइमानों को छोड़ा नहीं जाएगा। जो लोग बेइमान हैं वही लोग चिल्ला रहे हैं के सवाल पर सत्यनारायण ने कहा कि अजीब बात है। प्रधानमंत्री कौन होते हैं इमानादारी का सर्टिफिकेट देने वाले। हमें जनता का सर्टिफेकेट चाहिए। उनसे सर्टिफिकेट लेने की हमें जरूरत नहीं है।

                        आंदोलन में कुछ देरी हो गयी के सवाल पर पूर्व शिक्षामंत्री ने कहा कि हम लोग नोटबंदी के प्रभाव और सरकार की प्रक्रिया को देख रहे थे। अभियान से आम जनता काफी डरी और सहमी हुई है। परेशानी कम होने के वजाय बढ़ गयी है।कांग्रेस को जनता की आवाज बनकर सामने आना पड़ा है। सत्यनारायण ने कहा कि चारो तरफ हाहाकार की स्थिति है।

                             जब जनता परेशान है तो उसे स्वमोटो आंदोलन करना चाहिए था के सवाल पर सत्यनारायण ने कहा कि सरकार ने इतना दहशत पैदा कर दिया है कि जनता की हिम्मत टूट गयी है। पुलिस,आयकर,सैल्स टैक्स, और गैर संवैधानिक संस्थानों के लोगों ने जनता की आवाज को उठने से पहले ही दबा दिया। लेकिन अब धीरे धीरे भय खत्म हुआ है…पीड़ा बढ़ी है।  समय नजदीक आ गया है कि जनता भय के साए से निकलकर जबाव देने को तैयार खड़ी है। 30 दिसम्बर को पता चल जाएगा कि जनता क्या चाहती है। सत्यानारायण ने कहा कि नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा तकलीफ भाजपा नेताओं को हुई है। जो अकेल में कहते हैं कि घर के चिराग ने घर जला दिया है।

                                              समझा जाए कि प्रदेश व्यापी आंदोलन से जाहिर हो जाएगा कि जनता नोटबंदी के खिलाफ है। सत्यनारायण ने कहा कि हम नोटबंदी के दुष्परिणामों और जनता की परेशानियों को प्रदेश व्यापी बंद के जरिए अहसास कराएंगे। उन्होने कहा कि नोटबंदी अभियान से सरकार को कुछ हासिल नहीं हुआ है। छापामारी से जो भी नोट मिल भी रहे हैं वह तो सामान्य कार्यवाही है। पहले भी ऐसी कार्रवाई होती रही है। सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि लिकेज को बंद करें।

                                               सत्यनारायण ने कहा कि प्रदेश व्यापी आंदोलन के जरिए सरकार पर नोटबंदी अभियान को वापस लेने का दबाव बनाएंगे।

                          भूपेश को क्लिन चिट दिए जाने और नजदीकी के सवाल पर सत्यनारायण ने कहा कि मैं एक बार चुनाव हार चुका हूं। नजदीकी का सवाल ही नहीं उठता है। जब मामला कुछ था ही नहीं तो क्लिन चिट देने या नहीं देने का सवाल ही नहीं उठता है।

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