चमगादड़ों ने छीना सुख- चैन…सरजू बगीचा में निपाह वायरस का खौफ…कलेक्टर ने कहा..भेजेंगे टीम..करेंगे उपाय

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–निपाह वायरस को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य टीम के निर्देश पर कुछ दिन पहले ही देश के सभी प्रदेशों और एक एक जिलों में हेल्थ एडवायजरी जारी कर लोगों को अलर्ट किया गया है। बिलासपुर जिला कलेक्टर पी.दयानन्द ने भी कुछ दिन पहले मामले में हेल्थ एडवायजरी जारी  कर स्वास्थ्य महकमें के साथ आम जनता को निपाह वायरस से बचने को कहा है। बावजूद इसके ना तो स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है और न ही जनता । मजेदार बात है कि कई लोगों को अभी तक नहीं पता है कि चमगादड़ और निपाह के क्या रिश्ता है।  पाठकों तक हम कुछ ऐसी जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं जिसके बाद लोगों को समझने में आसानी हो जाएगी कि कलेक्टर के आदेश और एडवायजरी पर कितना अमल किया गया है। या यूं कहें कि अलर्ट जारी होने के बाद स्वास्थ्य महकमा गंभीर नहीं है ऐसे में जनता को गंभीर होने का सवाल ही नहीं उठता है।

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                           शहर के बीच स्थित एक कालोनी का नाम सरजू बगीचा है। सरजू बगीचा में बहुत पुराना विशालकाय पेड़ है। पेड़ की डालियों पर चमगादड़ के झुंड को आसानी से देखा जा सकता है।सरजू बगीचा का नाम शहर के बेहद घनी आबादी वाले क्षेत्रों में शुमार किया जाता है। जहाँ विशालकाय पेड़ पर हजारों की संख्या में चमगादड़ों का बसेरा है।

             स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां रोज चमगादड़ मर कर गिरते हैं। कई चमगादड़ बिजली के तार से चिपके रहते हैं। मोहल्लेवासियों की मानें तो पेड़ और बिजली के तार से चिपके चमगादड़ उनके लिए सामान्य सी बात है। लेकिन जबसे निपाह की जानकारी मिली है सुख चैन गायब हो चुका है। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि उन्हें निपाह वायरस की जानकारी नहीं है। चमगादड़ से निपाह का क्या रिश्ता है इस बारे में भी किसी ने  नहीं बताया है।

                                      समझने वाली बात है कि जब पूरा देश केरल में निपाह से हुए मौत और उसके नाम से कांप रहा है। एजवायजरी जारी होने के बाद भी बिलासपुर वासियों को निपाह और चमगादढ़ के बीच संबध का पता नहीं है। यह ना केवल आश्चर्य है बल्कि स्वास्थ्य महकमें की लापरवाही को भी जाहिर करता है।

                        अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह बिलासपुर ज़िला प्रशासन महज एलर्ट के नाम पर औपचारिकता पूरी कर पल्ला झाड़ लिया है। इस बात को लेकर स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है। कुछ लोगों ने बताया  कि अधिकारियों का काफ़िला दिन में कई बार यहां से गुजरता है । लेकिन किसी का ध्यान इस तरफ नहीं जाता है।

                              इससे जाहिर होता है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा बीमारी फैलने का इंतजार कर रहा है ? सवाल उठना लाजिम है कि लिखित एडवाइजरी जारी कर देने मात्र से क्या शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है। यह जानते हुए भी कि यदि कोई निपाह वायरस का रोगी सामने आ जाए तो स्वास्थ्य महकमें के पास ना तो रोग से संबधित कोई ड्रग है और ना ही वैक्सीन। यानि रोगी का मरना निश्चित है।

कलेक्टर ने कहा करेंगे कार्रवाही

                     मामसे में कलेक्टर पी.दयानन्द ने का कि यह महत्वपूर्ण जानकारी है। टीम को सरजू बगीचा भेजेंगे। स्थानीय लोगों को जागरूक भी करेंगे। साथ ही चमगादड़ों को हटाए जाने का भी प्रबंध करेंगे। स्वास्थ्य महकमें के साथ अन्य विभागों को भी मामले में उचित  निर्देश देंगे।

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