बिलासपुर—नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है। प्रदेश में लूटमार,चोरी,डाका अपहरण का बोलबाला है। अपराधियों पर किसी प्रकार का लगाम नहीं है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। 72 घंटे बाद भी पुलिस अपहरण का खुलासा नहीं कर सकी है। रायपुर में बच्ची के साथ बलात्कार होता है। पुलिस लाचार है..अपराधी अभी भी फरार है। अपोलो में बलात्कार पीड़ित नाबालिग मासूम जीवन और मौत के बीच झूल रही है। दरअसल प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। जनता में पुलिस का भय खत्म हो चुका है।
धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बदलापुर राजनीति करने का आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था दिनों दिन चरमरा रही है। आम जनता में कानून को लेकर भय और खौफ नहीं है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी अपहरण करने वालों को पकड़ा नहीं जा सका है। मासूम किस हालत में है…पुलिस को ही जानकारी नहीं है। रायपुर में लूट पाट और बिलासपुर में लगातार आत्महत्या के साथ हत्या की खबरे पढ़ने को मिल रही है। लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी है। दरअसल मुख्यमंत्री से प्रदेश संभल नहीं रहा है। लेकिन विरोधी दल के नेताओं को चुन चुन कर निशाना बनाया जा रहा है।
धरमलाल कौशिक ने बताया कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। मरवाही में पुलिस अभिरक्षा के दौरान भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो जाती है। सांसद ने जब न्यायिक जांच के साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग की तो..उनके खिलाफ थानेदार ने एफआईआर दर्ज करने का फरमान जारी कर दिया। दरअसल प्रदेश के मुखिया ने विरोधी दल के नेताओं की आवाज को पुरजोर तरीके से दवाया जा रहा है। विरोधी नेताओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। बावजूद इसके हम जनता की आवाज को उठाएंगे। जिन्हें बदलापुर की राजनीति करना है करें..हमे डर नहीं है।
धरमलाल कौशिक ने बताया कि हम लोग मरवाही प्रकरण में न्यायिक जांच की मांग करते हैं। विधायक भीमा मण्डावी की नक्सली हमले में मौत हो गयी। लेकिन सरकार ने सीबीआई जांच करवाने से इंकार कर दिया है। जब तक मरवाही प्रकरण की न्यायिक जांच और भीमा मण्डावी हत्या में सीबीआई जांच की मांग नहीं मानी जाती है हम लोग अपनी बातों को पुरजोर तरीके से रखेंगे। जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाँएंगे। नेता प्रतिपक्ष ने बिलासपुर में मासूम विराट सराफ की अपहण को दुखद बताया। मैने पुलिस के आलाधिकारियों से बातचीत की है। हमारी पूरी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है। मामले को उचित तरीके से प्रशासन और उचित फोरम में दृढता के साथ रखा जाएगा। शर्म की बात है कि चुनाव के दौरान चाक चौबंद व्यवस्था होने के बाद भी अपराधी आखिर पकड़ा क्यो नहीं गया..समझा जा सकता है कि पुलिस व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गयी है।
धरम कौशिक ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि मुगेली जिला में चुनाव के दौरान जिला आबकारी विभाग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। 18 अप्रैल को राजनांंदगांव लोकसभा सीट पर मतदान के दौरान मुंगेली जिले की सीमावर्ती शराब दुकानें खुली रहीं। नियमानुसार जहां चुनाव नहीं भी हो रहा हो..यदि क्षेत्र पांच किलोमीटर के दायरे में आता है तो शराब की दुकानों को बंद होना चाहिए। लेकिन कवर्धा जिले से मात्र ढाई किलोमीटर के दायरे में मुंगेली जिले की डिंडौरी की दोनों शराब दुकानों को खोला गया। जबकि 17 और 18 अप्रैल को शराब दुकानों को बंद होना चाहिए था। लेकिन जिला आबकारी मुंगेली ने 17 और 18 अप्रैल को पूरे दिन डिंडौरी की शराब दुकान को खोला। ऐसा करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंंघन है। मामले को सदन में गंभीरता के साथ उठाया जाएगा। जवाब मांगा जाएगा कि आखिर किसके कहने पर डिंडौरी की शराब दुकान को खोलकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है।