बिलासपुर—- बोर्ड परीक्षा का परिणाम सामने आ गया है। इस बार ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों ने अप्रत्याशित परिणाम देकर शहर के बच्चों को चौकन्ना कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले कुछ बच्चों का नाम तो जाहिर हो गया है। लेकिन कई ऐसे भी नाम है जिनकी चर्चा जरूरी है। जिन्होने ना केवल स्कूल बल्कि जिला स्तर पर मेरिट में स्थान हासिल किया है। लेकिन उनके नाम की चर्चा कहीं नहीं है।
बिलासपुर जिले के धुर ग्रामीण क्षेत्र लमेर गांव का बच्चा शुभम यादव ने दसवी में 92 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किया है। शुभम ने ऐसा कर माता पिता का नाम गांव में रोशन किया है। लेकिन यह रोशनी शहर तक नहीं पहुंची। जबकि शुभम ने रिकार्ड तोड़ अंक हासिल कर शहर के बच्चों और उनके अभिभावकों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।
शुभम के पिता का नाम सुरेश यादव है। माता संगीता यादव गांव के ही शिशु मंदिर स्कूल में पढ़ाती है। शुभम सरस्वती शिशु मंदिर सेंदरी कोनी में कक्षा 10 वी में 92 प्रतिशत अंक हासिल किया है। शुभम के माता पिता के आय का साधन बहुत ही सीमित है। लेकिन वह भारतीय प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहता है। शुभम ने बताया कि वह माता पिता की हैसियत को जानता और समझता है। इसलिए पढ़ाई को लेकर हमेशा गंभीर रहता है। गांव में बिजली का आना जाना हमेशा लगा रहता है। बावजूद इसके रोज के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के बाद ही सोता है।
शुभम ने बताया कि वह अपने माता पिता के सपनों को जरूर साकार करेंगा। यदि कुछ करने का मौका मिला तो ग्रामीण जनजीवन की तस्वीर को बदलने का प्रयास करूंगा। शुभम ने जानकारी दी कि गणित विषय में उसे 100 में 100 अंक मिले हैं। बायो मिले या मैध इसकी परवाह नहीं लेकिन आईएएस बनने का सपना जरूर पूरा करूंगा। खासकर मामा से उसे और उसके सपनों को जरूर समर्थन मिल रहा है।