चाइल्ड केयर लीव पर प्रदेश के महिला शासकीय कर्मचारियों सहित महिला शिक्षा कर्मियों को होगा ये लाभ

Shri Mi
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रायपुर । राज्य शासन द्वारा महिला शासकीय कर्मचारियों को उनके 18 वर्ष से कम उम्र के दो जेष्ठ जीवित संतानों के पालन पोषण हेतु संपूर्ण सेवाकाल में अधिकतम 730 दिन की कालावधि के लिए संतान पालन अवकाश हेतु आदेश जारी कर दिया गया है ।  आदेश जारी होने के पश्चात जहां एक ओर महिला कर्मचारियों में हर्ष का माहौल है वहीं कुछ सवाल भी मन में उठ रहे है  । लाजमी है क्योकि शासन के आदेश आम लोगों को आसानी से समझ नही आते है ।

             
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इस विषय पर शिक्षा कर्मी नेता प्रदीप पांडेय ने cgwall.com पर चर्चा करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए संतान पालन अवकाश स्वीकृत करके बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला लिया है ।  इससे महिला कर्मचारी विशेष परिस्थितियों में अपने बच्चों को समय दे पाएंगी। वैसे भी महिला कर्मचारियों को घर एवं कार्यालय दोनों जगह की दोहरी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है ।  कर्मचारियों को प्राप्त सामान्य अवकाश महिला कर्मचारियों के लिए पर्याप्त नहीं थे। संतान पालन अवकाश महिला कर्मचारियों को अपनी दोहरी जिम्मेदारी का निर्वहन कुशलता पूर्वक करने में मददगार साबित होगी।

प्रदीप ने बताया कि यह चाइल्ड केयर लीव(संतान पालन अवकाश नीति  में कोई भी महिला शासकीय कर्मचारी या महिला शिक्षाकर्मी अपने पूरे सेवाकाल में 730 दिनों का एकमुश्त अथवा किस्तों में यह अवकाश ले सकती है।

CGWALL की खबर पर  एक वाट्सएप मेसेज में एक महिला शिक्षा कर्मी में पूछा  था  कि शासन के आदेशानुसार  यदि कोई महिला कर्मचारी संतान पालन अवकाश के लिए आवेदन करती है तो क्या इसे स्वीकृत करना अनिवार्य होगा ?

……इस पर शिक्षा कर्मी नेता प्रदीप पांडेय ने बताया कि राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना के उप नियम में साफ-साफ उल्लेखित है कि “अधिकार के रूप में अवकाश का दावा नहीं किया जाएगा”। अर्थात यह नियोक्ता अथवा वेतन आहरण संवितरण अधिकारी के विवेक पर निर्भर करता है कि वे अवकाश स्वीकृत करेंगे या नहीं ।  किंतु अवकाश अस्वीकृत करने की स्थिति में अधिकारी को अवकाश अस्वीकृत करने के कारणों का उल्लेख करना होगा।

प्रदीप ने बताया कि संतान पालन अवकाश एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 3 बार ली जा सकती है । वर्ष से अभिप्राय है किसी वर्ष का 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक की कालावधि। एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करते हुए प्रदीप ने बताया कि कोई महिला कर्मचारी किसी कैलेंडर वर्ष के अंत में अवकाश लेती है और अवकाश पूर्ण होते होते दूसरा कैलेंडर वर्ष लग जाता है तो अवकाश की गणना किस कैलेंडर वर्ष में किया जाएगा ? यह सवाल महिलाओं के मन मे आएगा इसके लिए …….. कैलेंडर वर्ष की गणना के लिए अधिसूचना के नियम 13 के उप नियम 4 में उल्लेख किया गया है की “यदि स्वीकृत किए गए अवकाश की कालावधि आगामी कैलेंडर वर्ष में भी जारी रहती है। तो बारी की गणना ऐसे वर्ष में की जाएगी जिसमें की अवकाश का आवेदन किया गया था। अथवा जिसमें आवेदन किए गए अवकाश का अधिकतम भाग आता है।”

इस तरह चाइल्ड केयर लीव पर आपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महिला शिक्षाकर्मी नेता ममता मंडल ने बताया कि राज्य सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है। वर्तमान परिवेश में कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों की सेहत व उनके जीवन के  कई महत्वपूर्ण अवसरों में  देख रेख की और बच्चों को साथ व समय देने की कमी अक्सर बनी रहती थी जिससे संतान पालन अवकाश ने पूरी कर दी है।

महिला शिक्षाकर्मी नेता गंगा पासी ने बताया कि पहले सँयुक्त परिवार व्यवस्था के कारण बच्चों की परवरिश सरलता से हो जाती थी।  आज  कई कारणों से उत्पन्न हुई एकल परिवार व्यवस्था वाले युग मे छोटे बच्चों की देखभाल बहुत मुश्किल होती जा रही है। ऐसे मे यह छत्तीसगढ़ राज्य सरकार का अत्यंत संवेदनशील निर्णय है ।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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