चारा घोटाला:दुमका ट्रैजरी केस में बिहार के पूर्व CM जगन्नाथ मिश्र बरी

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नईदिल्ली।राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाला मामले में आज चौथे मामले में फैसला आ गया है। दुमका ट्रैजरी से निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को कोर्ट ने बरी कर दिया है।थोड़ी देर में लालू यादव पर भी फैसला आएगा। खराब स्वास्थ्य की वजह से लालू यादव कोर्ट में मौजूद नहीं हैं। वह रांची इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती हैं।चारा घोटाले के चौथे मामले में शनिवार को ही फैसला सुनाया जाना था लेकिन लालू यादव के स्वास्थ्य खराब होने की वजह इसे टाल दिया गया था।बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने 5 मार्च को सुनवाई पूरी कर ली थी और उसने 15 मार्च तक के लिए फ़ैसले को सुरक्षित रखा लिया था।शुक्रवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के आवेदन को स्वीकार करते हुए तत्कालीन एजी पीके मुखोपाध्याय,डिप्टी एजी बीएन झा और सीनियर अकाउंट ऑफिसर प्रमोद कुमार को सीआरपीसी की धारा 319 के तहत आरोपी बनाया है।

अदालत ने आदेश में कहा है कि दुमका ट्रेजरी से अवैध निकासी से जुड़े मामले में तीनों की संलिप्तता पायी गई है।बता दें कि लालू यादव ने शुक्रवार को फैसले की तिथि बढ़ाने एवं तत्कालीन एजी समेत तीन को आरोपी बनाने का अनुरोध किया था।लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े 3 मामलों में पांच साल, तीन साल और पांच साल की सजा सुनाई जा चुकी है, उन पर 10 लाख रुपये जुर्माना भी लगा है।इस मामले में लालू और मिश्र के अलावा 29 आरोपी हैं जिसमें दुमका ट्रेज़री के एक पूर्व आईएएस अधिकारी, एएचडी आधिकारी भी शामिल हैं।

उस दौरान पैसे के आवंटन की सीमा अधिकतम एक लाख 50 हजार ही थी और लालू राज्य के मुख्यमंत्री थे।लालू को चार घोटाले के पहले मामले में साल 2013 में पांच वर्ष की सजा सुनाई गई थी।इस घोटाले के दूसरे मामले में लालू को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी। तीसरे मामले में उन्हें चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के लिए 24 जनवरी को दोषी ठहराया गया था और पांच साल की सजा दी गई।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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