बिलासपुर— अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिव डॉ चन्दन यादव ने जिला शहर और कांग्रेस कमेटी के साथ जीत हार पर मंथन किया। बैठक में लोकसभा चुनाव में मिली हार पर कम बल्कि निकाय चुनाव की रणनीतियों और परिसीमन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। चर्चा के दौरान उस समय दिलचस्प नजारा देखने को मिला जब दो नेता आपस में तू-तू मै मै करने लगे। यद्यपि मामले को जल्द ही शांत करा लिया गया। लेकिन एक बार फिर कांग्रेसियों की एकता की पोल खुलती नजर आई..जैसा विधानसभा चुनाव के पहले देखने को मिला था।
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अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव और प्रदेश प्रभारी डॉ चन्दन यादव के साथ आज कांग्रेस शहर और ग्रामीण संगठन के पदाधिकारियों के साथ हंगामेदार बैठक हुई। बैठक में विधायक ,पूर्व सांसद,पूर्व विधायक,प्रदेश पदाधिकारी,ज़िला कांग्रेस /शहर कांग्रेस की कार्यकारिणी ,पार्षद दल,निर्वाचित जन प्रतिनिधि,सभी ब्लाक कांग्रेस,महिला कांग्रेस ,सेवा दल,युवा कांग्रेस ,ज़िला पंचायत,जनपद पंचायत के निर्वाचित सदस्य,एससी प्रकोष्ठ,समेत सभी सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी ,सदस्य ,कार्यकर्ता शामिल हुए।
चंदन यादव की उपस्थिति में लोगों ने लोकसभा चुनाव में मिली हार का पता लगाने का प्रयास किया। इसके अलावा ज्यादातर समय तक निकाय चुनाव को लेकर बातचीत होती रही। दिलचस्प नजारा उस समय देखने को मिला जब गंभीर चर्चा के बीच पार्षद रामा बघेल औमस्तूरी के नेता मनोहर कुर्रे आपस में उलझ गए।
मामला कुछ इस तरह का होना बताया जा रहा है। जैसे ही माइक रामा बघेल के हाथों मिली..उन्होने वार्ड परिसीमन को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। बात शुरू होने से पहले ही जिला कांग्रेस संगठन पदाधिकारी और मस्तूरी नेता मनोहर कुर्रे ने माइक झपट लिया। मामला इतने तक ही नहीं रूका । मनोहर कुर्रे ने कहा कि बिलासपुर विधानसभा से 40 हजार से अधिक वोट से हार हुई। जबकि मस्तूरी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त मिली। मेरे बूथ पर 28 मतों से जीत मिली। बावजूद अखबारों में साजिश की तहत गलत खबर छपवाया गया। मनोहर कुर्रे की बातों को रामा बघेल ने कटाक्ष समझ विरोध किया। माला तू तू मै मैं तक पहुंच गया। वरिष्ठ नेताओं ने दोनों को समझाया। तब कहीं मामला जाकर शांत हुआ।
किसी प्रकार का विवाद नहींं..लोगों ने रखी अपनी बात
जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने बताया कि बताया कि विवाद का सवाल ही नहीं उठता है। कांग्रेसियों ने अपनी बातों को गंभीरता के साथ रखा है। बैठक में जीत हार की समीक्षा हुई। परिसीमन पर विस्तार से चर्चा हुई । निकाय चुनाव को लेकर रणनीतियों पर बातचीत हुई। यह सच है कि हमारे प्रत्यशी की हार हुई है। बैठक में कारण जानने का प्रयास किया गया है। रामा बघेल और मनोहर कुर्रे में बातचीत की बात सच हो सकती है। लेकिन तू-तू मै मै का सवाल ही नहीं उठता है।